द एंगल।
नई दिल्ली।
भारत सरकार की ओर से हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्तों सहित सभी पेंशनभोगियों की महंगाई राहत पर जुलाई, 2021 तक रोक लगाई गई है। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस समय कर्मचारियों और सशस्त्र बलों पर इसे लागू करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। एक बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि इस समय सरकारी कर्मचारियों और सशस्त्र बलों पर इस समय ऐसी कठोरता थोपना ठीक नहीं है। बता दें कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है।
राहुल गांधी ने भी की थी फैसले की आलोचना
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते के फैसले पर आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने सरकार के इस फैसले को अमानवीय बताया था। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार को कर्मचारियों के भत्ते काटने के बजाय उन्हें बुलेट ट्रेन परियोजनाओं और फिजूल खर्चों पर पाबंदी लगानी चाहिए।
केंद्र सरकार के फैसले का 1.13 करोड़ पेंशनधारियों पर पड़ेगा असर
बता दें कि गुरुवार को सरकार मंत्रालयों और विभागों में होने वाले कई तरह के सरकारी खर्च पर बंदिश लगाई है। इसका प्रभाव कम से कम 1.13. करोड़ पेंशनधारियों पर पड़ेगा। 1 जनवरी 2020 के वास्ते केंद्रीय सरकार कर्मचारियों और पेशनभोगियों के को मंहगाई भत्ते(DA) और महंगाई राहत का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए।
अक्टूबर, 2019 में भी 5 फीसदी बढ़ाया गया था डीए
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को हर साल क्रमश: एक जनवरी और एक जुलाई से दिया जाता है और इसका भुगतान क्रमश: मार्च और सितंबर महीने में किया जाता है। गौरतलब है कि 10 अक्टूबर 2019 को भी केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की थी। उस समय सरकार ने डीए में 5 फीसद की बढ़ोत्तरी की थी।