Home Business देश की तीसरी बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी-एचसीएल टेक 

देश की तीसरी बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी-एचसीएल टेक 

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बेंगलुरु
एचसीएल टेक ने विप्रो को पीछे छोड़ा है और देश की तीसरी बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी के तौर पर अपनी जगह और मजबूत कर ली है। वित्त वर्ष 2019 में एचसीएल टेक की आमदनी में दूसरी आईटी कंपनियों की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ोतरी हुई। पिछले वित्त वर्ष में कुछ कंपनियों को खरीदने से उसे आमदनी बढ़ाने में मदद मिली।
एचसीएल टेक की आमदनी वित्त वर्ष 2019 में 11.8 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 8.63 अरब डॉलर हो गई। इस साल विप्रो की आमदनी 8.12 अरब डॉलर रही। अजीम प्रेमजी की कंपनी विप्रो पिछले कई वर्षों से कमजोर प्रदर्शन करने वाले बिजनस की रिस्ट्रक्चरिंग कर रही है। कंपनी के टर्नअराउंड में अभी कुछ और तिमाहियां लग सकती हैं।
शिव नादर की कंपनी एचसीएल टेक ने बताया कि उसे वित्त वर्ष 2020 में आमदनी 14-16% (करेंसी के उतार-चढ़ाव के असर को हटाकर) बढ़ने की उम्मीद है। अगर ऐसा हुआ तो वह 10 अरब डॉलर की कंपनी बन जाएगी। कंपनी के ऑर्गेनिक बिजनस (खरीदी गई दूसरी कंपनियों को हटाकर) का योगदान इसमें 7-9 पर्सेंट रह सकता है। वहीं, आईबीएम से खरीदे गए सॉफ्टवेयर प्रॉडक्ट्स बिजनस से कंपनी को करीब 7 पर्सेंट की ग्रोथ मिलेगी।
दिसंबर 2018 तिमाही में एचसीएल टेक ने बताया था कि वह आईबीएम से 8 सॉफ्टवेयर प्रॉडक्ट्स 1.78 अरब डॉलर में खरीदेगी। इस सौदे के साथ कंपनी ने प्रोपराइटरी प्रॉडक्ट्स सेगमेंट में धमाकेदार एंट्री की है। इस डील के जून में पूरा होने की उम्मीद है। इसे किसी भारतीय आईटी कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है।

एचसीएल टेक के सीईओ सी विजयकुमार ने बताया, ‘हमें मार्केट में बहुत मौके दिख रहे हैं इसलिए हम मोड 2 सर्विसेज यानी डिजिटल ग्रोथ, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और सायबर सिक्योरिटी में निवेश जारी रखेंगे। हमने पहले जो निवेश किया है, उसके साथ इस निवेश से हमारी ग्रोथ मजबूत बनी रहेगी।’ एचसीएल टेक ने इस साल 18.5-19.5 पर्सेंट ऑपरेटिंग मार्जिन का अनुमान दिया है, जबकि वित्त वर्ष 2019 में उसका मार्जिन 19.5 पर्सेंट रहा।

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एनालिस्टों का कहना है कि इससे कंपनी पर लागत के दबाव का पता चलता है। उन्होंने बताया कि एचसीएल टेक सैलरी पर खर्च बढ़ने के साथ कुशल कर्मचारियों की कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। खासतौर पर अमेरिका में कंपनी को अच्छे पेशेवर नहीं मिल रहे हैं। रिलायंस सिक्योरिटीज के एनालिस्ट हरित शाह ने कहा, ‘अमेरिका में महंगे कर्मचारियों की नियुक्त के साथ डिलीवरी कॉस्ट में बढ़ोतरी, अधिक वीजा कॉस्ट और लगातार निवेश की वजह से कंपनी के मार्जिन पर दबाव बना है।’ विजयकुमार ने कहा कि कंपनी अधिक बिजनस हासिल करने के लिए अभी निवेश कर रही है।
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