कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2018-19 के लिए अपने छह करोड़ से अधिक अंशधारकों की कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर ब्याज दर को 8.55 फीसदी से बढ़ाकर 8.65 फीसदी कर दिया है। केंद्रीय श्रम मंत्री सुशील गंगवार ने गुरुवार को यह जानकारी दी। ईपीएफओ के न्यासियों (सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) की 21 फरवरी 2019 को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है, जो वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर पर निर्णय लेता है। गंगवार ने कहा कि बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही ब्याज दर को अंशधारक के खाते में डाला जाएगा। इससे पहले उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिया था कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ईपीएफ जमा पर ब्याज दर को इस वित्त वर्ष के लिए 8.55 फीसदी से बढ़ाया जा सकता है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफ पर सबसे कम 8.55 फीसदी का ब्याज दर दिया था। निकाय ने 2016-17 में 8.65 प्रतिशत तथा 2015-16 में 8.8 प्रतिशत ब्याज दिया था। वहीं 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी।