The angle
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में जल संचय, जन भागीदारी पहल की शुरुआत की। प्रधानमंत्री वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘यह बेहद अहम पहल है, जिसकी गुजरात की धरती से शुरुआत हो रही है। जल शक्ति मंत्रालय ने इस पहल की शुरुआत की है। हाल के दिनों में देश के हर कोने में भारी बारिश से तबाही जारी है। देश को कोई हिस्सा ही शायद होगा, जिसने इस प्राकृतिक आपदा की वजह से संकट न झेला हो। इस बार गुजरात को भी भारी संकट का सामना करना पड़ा। हमारी सारी व्यवस्थाओं में भी इतनी क्षमता नहीं है कि इस प्राकृतिक आपदा की घड़ी में हमारी मदद कर सकें, लेकिन गुजरात के लोगों और अन्य देशवासियों में ये आदत है कि संकट की घड़ी में सभी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं।’
पीएम मोदी ने जल संरक्षण को लेकर कहा- यह नीति नहीं, बल्कि एक प्रथा
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जल संरक्षण सिर्फ एक नीति नहीं है बल्कि यह एक प्रथा है। यह हमारी जिम्मेदारी भी है। जब भावी पीढ़ियां हमारा आकलन करेंगी तो हमारा जल के प्रति जो रवैया है, उसका भावी पीढ़ी सबसे पहले आकलन करेंगी। यह जीवन-मरण का सवाल है और यह मानवता के भविष्य का सवाल है। इसलिए हमने सतत विकास के लिए जिन नौ संकल्पों को सामने रखा है, उनमें जल संरक्षण पहला संकल्प है।”
तमाम बाधाओं के बावजूद गुजरात में जल संरक्षण की पहल की- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा ‘जल संरक्षण, प्रकृति संरक्षण…हमारे लिए नए शब्द नहीं हैं। ये भारत की सांस्कृतिक चेतना का हिस्सा है। हम उस संस्कृति के लोग हैं, जहां जल को ईश्वर का रूप कहा गया है। नदियों को देवी माना गया और सरोवरों, कुंडों को देवालय का दर्जा मिला है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मैंने सरदार सरोवर बांध को पूरा करने की चुनौती ली थी और कई चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद गुजरात में जल संरक्षण पहल की शुरुआत की। शुरुआत में हमारे विरोधियों ने हम पर तंज कसे कि जो पाइप डाले जा रहे हैं, उनसे पानी की जगह हवा की सप्लाई होगी, लेकिन हमारी मेहनत का फल मिला और इसे अब पूरी दुनिया देख रही है।’
पीएम मोदी ने देशवासियों से की एक पेड़ मां के नाम लगाने की अपील
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने पर्यावरण के लिए देशवासियों से एक पेड़ मां के नाम लगाने की अपील की है। जब पेड़ लगते हैं तो भूजल का स्तर बढ़ता है। बीते कुछ सप्ताह में मां के नाम पर देश में करोड़ों पेड़ लगाए जा चुके हैं। ऐसे कितने ही अभियान और संकल्प हैं, जो 140 करोड़ देशवासियों की भागीदारी से आज जनांदोलन बनते जा रहे हैं। हमारी सरकार पूरे समाज के लिए काम करने की सोच के साथ काम कर रही है। बीते 10 वर्षों में हमारी सभी प्रमुख योजनाओं को देखें तो हमने जल संबंधी मुद्दों पर कई वर्जनाओं को तोड़ा है।