जयपुर डेस्क।
कुदरती आतिशबाजी का ऐसा अदुभुत नजारा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा ।पांच मई की रात में जब हेली धूमकेतु के टुकड़े धरती के वातावरण में आएंगे। तब कुदरती आतिशबाजी का दिलकश नजारा देखने को मिलेगा। यह इस साल की सबसे ज्यादा आकर्षक आसमानी दृश्य होगा। उत्तर पश्चिम दिशा में ईटा एक्वेरिड, एक्वेरियस कांस्टिलेशन की ओर से रात दस बजे से छह मई की सुबह पांच बजे तक हर घंटे अधितम 30 उल्कापात होंगे जो अंधेरी रात होने के कारण बेहद चमकीले नजर आएंगे। हेली धूमकेतु 1986 में पृथ्वी के निकट से गुजरा था और अब 2062 में दोबारा इसके निकट आएगा लेकिन इसके छूटे कण अभी तक अंतरिक्ष में हैं, जिनसे यह घटना घटित होती है। ईटा की ओर से यह उल्कापात 28 मई तक जारी रहेगा लेकिन पांच मई की रात यह चरम पर और सर्वाधिक चमक वाला होगा। इनकी गति 60 से 70 किमी प्रति घंटा होगी। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एरीज) के पूर्व निदेशक डॉ. अनिल पांडे के अनुसार ईटा की ओर से होने वाले उल्कापात में हेली धूमकेतु के छूटे कण पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते हैं जो घर्षण से जलकर उल्कापात का नजारा देते हैं। वर्षभर में मार्च, अप्रैल, जुलाई, अगस्त, सितंबर, नवंबर, दिसंबर में विभिन्न उल्कापात होते हैं लेकिन इनमें से अधिकतर बादलों या चांदनी के कारण दर्शनीय नहीं रह जाते। वैज्ञानिकों के अनुसार इस दृष्टि से पांच मई का उल्कापात बहुत दुर्लभ, दर्शनीय है