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आयुष्मान भारत योजना में मिलेगी कैंसर पीड़ितों को बड़ी राहत

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मोदी सरकार अपनी सबसे बड़ी स्वास्थय योजना आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में आम जनता को बड़ी राहत दे सकती है। इस योजना में कैंसर मरीजों और घुटनो के इम्प्लांट के लिए आम जनता को राहत मिलेगी आयुष्मान भारत योजना में कैंसर के मरीजों के लिए बेहतर हेल्थ कवर मिलेगा। इस योजना में कैंसर का इलाज कैंसर के प्रकार के आधार पर नहीं होकर बल्कि कैंसर की दवा की खुराक के आधार पर होगा। आयुष्मान भारत योजना को लागू करने वाली नोडल एजेंसी नैशनल हेल्थ अथॉरिटी के गवर्निंग बोर्ड ने बुधवार को आयुष्मान 2।0 को मंजूरी दे दी। यह मंजूरी कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है।आयुष्मान भारत योजना में अब अस्पतालों द्वारा मनमाना क्लेम रिंबर्समेंट वसूलने पर भी लगाम लगेगी।

कैंसर केयर पैकेजेस में किये गए बदलाव

सूत्रों के मुताबिक ‘अब तक कैंसर केयर पैकेजेस का उतना इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था,जितने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन अब बदलाव किये जायेंगे और सब बदल जायेगा ।’ गवर्निंग बोर्ड के अप्रूवल के बाद अब पैकेजेस में बदलाव किए जाएंगे और आईटी प्लैटफॉर्म पर अपलोड कर दिए जाएंगे। आयुष्मान भारत योजना 2.0 की शुरुआत 1 अक्टूबर से होनी है। आयुष्मान भारत योजना ने कैंसर केयर के मामले में खुद को टाटा मेमोरियल अस्पताल के नैशनल कैंसर ग्रिड के साथ खड़ा कर दिया है। अब तक अस्पतालों द्वारा जो कैंसर इलाज किया जाता था वो इस बात पर निर्भर करता था कि कौन-सा कैंसर है। कैंसर शरीर के किस भाग में है, फेफड़ो का कैंसर है या पैंक्रियास का कैंसर है। ये निर्धारित होने के बाद ही इलाज किया था।बहरहाल, अब कैंसर केयर प्रिस्क्राइब की गईं दवाओं के आधार पर की जाएगी। टाटा मेमोरिल अस्पताल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोटोकॉल्स अब सभी स्वास्थ्य सेवा केंद्रों के पास होंगे।

गरीब परिवारों के लिए जोड़े जाएंगे 200 अतिरिक्त पैकेजेस

आयुष्मान भारत योजना में बेहद गरीब परिवारों के लिए करीब 200 अन्य पैकेजेस जोड़े जाएंगे, जिनमें कार्डियॉलजी और हड्डी रोगों से जुड़े बेहतर क्वॉलिटी के इम्प्लांट शामिल हैं। अब इस योजना के तहत इम्प्लांट की सुविधा भी मिलेगी। अब तक निजी अस्पतालों में घुटनों को रिप्लेस करने या स्टेंट इम्प्लांट के लिए एक मुश्त पैसा रीइंबर्स किया जाता था। लेकिन अब आयुष्मान भारत योजना के पैकेज में सर्जरी और इम्प्लांट दोनों का अलग-अलग खर्च मेंशन करना होगा। इससे मरीज को बेहतर इम्प्लांट सुविधा मिलेगी। आयुष्मान भारत योजना में ‘इससे यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि अस्पताल कहीं सस्ता इम्प्लांट कर पूरे पैकेज की कीमत तो नहीं वसूल रहे।’

हेल्थ केयर में बदलाव की प्रक्रिया इनकी अगुआई में हुई

आयुष्मान भारत योजना में हेल्थ केयर में बदलाव की पूरी प्रक्रिया नीति आयोग के सदस्य प्रफेसर विनोद के पॉल की अगुवाई वाली एक्सपर्ट कमिटी ने पूरी की। इस कमिटी को बनाने का उद्देश्य आयुष्मान भारत योजना में कवर किये जाने वाली 1300 पैकेज की समीक्षा के लिए किया गया। इसके तहत उन पैकेजेस की समीक्षा की गयी जो मरीजों और आयुष्मान लाभार्थियों के इलाज के बदले केंद्र द्वारा अस्पतालों का रीइम्बस्मेंट अमांउट तय करते थे। कमेटी द्वारा की गयी समीक्षा के बाद जो निष्कर्ष निकला उसी के तहत आयुष्मान भारत योजना में 200 नए पैकेजेस की शुरुआत की गयी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘आयुष्मान भारत के तहत कई पैकेजेस नहीं थे। इनके लिए अस्पताल मनमाना रीइम्बर्समेंट क्लेम करते थे। समीक्षा प्रक्रिया के तहत ऐसे पैकेजेस का पता लगाया गया, जो अकसर इस्तेमाल किए जा रहे थे और उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत लाया गया।’समीक्षा के बाद डायलिसिस का खर्च भी कम किया गया है, अब सरकार अस्पतालों को इस प्रक्रिया के लिए कम राशि का रीइंबर्समेंट करेगी। वहीं, मोतियाबिंद की सर्जरी को आयुष्मान भारत योजना से बाहर कर दिया गया है।

 

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