Home International इसलिए शादी और डेटिंग से दूरी बना रही हैं दक्षिण कोरियाई महिलाएं!

इसलिए शादी और डेटिंग से दूरी बना रही हैं दक्षिण कोरियाई महिलाएं!

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The Angle

जयपुर।

ज्यादातर लोग दक्षिण कोरिया को हर तरह से संपन्‍न, विकसित और खुली सोच वाला देश मानते हैं। क्या वाकई में ऐसा है? लेकिन महिलाओं को लेकर जो खबर सामने आई है वो शायद आपको अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर दे। दरअसल, महिलाओं से जुड़ी जिन बातों को हम केवल विकासशील या पिछड़े मुल्‍कों की बता कर पल्‍ला झाड़ लेते थे उसका असर अब काफी दूर तक हो रहा है।

 

‘4 बी’ या ‘फोर नोस’ क्या है?

आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि यहां की महिलाओं को भी अपने हक के लिए आवाज़ उठानी पड़ती है। यहां की महिलाएं अब शादी नहीं करना चाहतीं, और इसकी वजह वे अपने पुरुष साथी का उनपर अपनी सोच थोपने को बताती हैं। उनका कहना है कि उनके पुरुष ये बात भूल जाते हैं कि वे क्या चाहती हैं। दक्षिण कोरिया में इस तरह की सोच को लेकर शादी या पुरुषों से संबंध बनाने को लेकर न कहने वाली महिलाओं की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक यहां की महिलाएं अब कट्टरपंथी नारीवादी आंदोलन ‘4 बी’ या ‘फोर नोस’ (4B/four nos) के साथ आगे बढ़ रही हैं। इसका अर्थ चार चीजों पर उनका सीधा इनकार है। इनमें से पहला है डेटिंग, दूसरा है शारीरिक संबंध, तीसरा शादी और चौथा बच्‍चे को जन्म देना है।

 

सर्वे रिपोर्ट पर एक नज़र

दक्षिण कोरिया महिलाओं में पनप रही इस नई सोच को लेकर पिछले वर्ष एक सर्वे भी हुआ था। कोरिया इंस्टिट्यूट फॉर हैल्‍थ एंड सोशल अफेयर्स ने इसी वर्ष जनवरी में इस सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया था। इसके मुताबिक 20-44 वर्ष की आयु के करीब 40 फीसद लोग डेटिंग में इन्‍वॉल्‍व पाए गए। लेकिन यह आंकड़ा शादी के मामले में काफी अलग था। इसके मुताबिक 25-29 वर्ष की आयु वाले पुरुष और महिलाएं करीब 90 फीसद गैर शादीशुदा पाए गए। वहीं 30-34 वर्ष की आयु वाले पुरुष और महिलाओं में ये करीब 56 फीसद और 40-45 की उम्र में ये 33 फीसद तक पाया गया।

 

दक्षिण कोरिया में एक फिल्म की है चर्चा

वर्तमान की यदि बात करें तो अब इस मुहिम से जुड़ने वालों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। इससे जुड़ी महिलाएं विभिन्न सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्स के ज़रिए अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने में लगी हुई हैं। दक्षिण कोरिया में महिलाओ की मानसिकता और वहां के पुरुष प्रधान समाज को दर्शाती एक फिल्‍म ने हाल ही में बॉक्‍स ऑफिस पर जबरदस्‍त सफलता पाई है। इस फिल्म का नाम ‘किम जी योंग, बॉर्न 1982’ है। यह फिल्‍म एक उपन्‍यास पर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि शादी करने के बाद कैसे एक दक्षिण कोरियाई महिला को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है और कम संसाधनों में अपने बच्‍चों का लालन-पालन करना पड़ता है। यहां की महिलाओं की सोच में आए बदलाव को इस तरह से भी देखा जा सकता है कि इन्‍होंने इस फिल्‍म को 10 में से 9.5 रेटिंग दी जबकि पुरुषों ने इसको केवल 2.8 अंक दिए हैं।

 

दक्षिण कोरिया बन जाएगा बूढ़ों का देश!

दक्षिण कोरिया में 1996 में शादी करने वालों का जो आंकड़ा 4,34,900 था वो 2018 तक 2,57,600 हो चुका है। फोर बी को हां कहने वालों के फिलहाल फॉलोवर्स हजारों में हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि दक्षिण कोरिया में पनप रही इस तरह की सोच को पहली बार देखा जा रहा है। लेकिन, इसका एक प्रभाव देश की घटती आबादी पर भी पड़ रहा है। दक्षिण कोरिया में मातृत्व दर 2018 में गिरकर 0.98 प्रतिशत आ गई है। वहीं, दक्षिण कोरिया की जनसंख्या को स्थिर करने के लिए यह 2.1 प्रतिशत की दर बनाए रखना जरूरी है। सरकारी अनुमान के मुताबिक 2067 में देश की जनसंख्या 5.5 करोड़ से गिरकर 3.9 करोड़ हो जाएगी। ऐसे में दक्षिण कोरिया बूढ़ों का देश हो जाएगा, क्‍योंकि कुल आबादी में 62 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्‍या अधिक होगी। इसका असर देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर भी व्यापक तौर पर देखने को मिलेगा। देश में काम करने वाले कम होंगे तो उत्‍पादन भी कम होगा। धीरे-धीरे इसका असर पूरी दुनिया पर भी पड़ेगा।

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