पैरिस
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर 2015 में हुए एक करार से पिछले साल अमेरिका को बाहर कर लिया था। इससे उसके यूरोपीय सहयोगी काफी निराश हैं। इसके बाद से अमेरिका और ईरान के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। इस समझौते में फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने अहम भूमिका निभाई थी। एलिसी ने बताया कि मैक्रों ने रूहानी के साथ लंबी बातचीत में तनाव को कम करने की पहल करने की आवश्यकता पर फिर से बल दिया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने अपने ईरानी समकक्ष हसन रूहानी से मंगलवार को बात की। फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन ‘एलिसी’ ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना फ्रांस की जिम्मेदारी है कि सभी पक्ष वार्ता शुरू करने के लिए सहमत हों।
पैरिस मौजूदा तनाव को कम करने के राजनयिक स्तर पर प्रयास कर रहा है और इन्हीं कोशिशों के तहत मैक्रों के विदेश नीति सलाहकार एमैनुएल बोन ने दो बार तेहरान की यात्रा की। एलिसी के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी7 शिखर सम्मेलन से पहले अगस्त के मध्य में ब्रेगनकॉन में मैक्रों से मुलाकात करेंगे जिससे ईरानी मामले पर चर्चा का नया अवसर मिलेगा।