द एंगल
नई दिल्ली
उर्जित पटेल भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रह चुके है। अब एक बार फिर उर्जित पटेल की सरकार में वापसी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर पद से इस्तीफा देने के 18 महीनों बाद अब उर्जित को एक नई जिम्मेदारी मिली हैं। उर्जित को भारत के प्रमुख आर्थिक थिंक टैंक ‘राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान’ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया हैं।
उर्जित पटेल लेंगे विजय केलकर की जगह
अब एनआईपीएफपी की कमान संभालेंगे। एनआईपीएफपी की कमान पहले विजय केलकर के हाथों में थी। अब यह जिम्मेदारी पटेल को दी गयी हैं। यह पद पटेल 22 जून को संभालेंगे और उनका कार्यकाल 4 का होगा। उर्जित पटेल अनुभवी व्यक्तित्व के धनी है और इसी विशेषता का फ़ायदा सरकार लेना चाहती है। गवर्निंग काउंसिल का पटेल को नियुक्त करने का निर्णय इस बात का संकेत है कि केंद्र उनके अनुभव का इस्तेमाल कर कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना करना चाहती हैं।
क्या है एनआईपीएफपी
अब पटेल इस विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। बात करें एनआईपीएफपी के कार्यों के बारे में तो एनआईपीएफपी वित्त मंत्रालय, पूर्ववर्ती योजना आयोग और कई राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक स्वायत्त निकाय है। यह एक स्वतंत्र गैर-सरकारी निकाय है और केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्यों को सलाह देते हुए सार्वजनिक नीति में अनुसंधान करता है। इसकी गवर्निंग काउंसिल, जिसमें राजस्व सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार शामिल हैं, इन सभी लोगों ने नीति आयोग, आरबीआई और तीन राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर गुरुवार को एक बैठक की। बैठक में केलकर द्वारा पटेल को अध्यक्ष के रूप में नामित करने वाले निमंत्रण पर सहमति बनी।