Home Business एनएमडीसी सहित पांच खनन कंपनियों का निजीकरण करने का सरकार को सुझाव

एनएमडीसी सहित पांच खनन कंपनियों का निजीकरण करने का सरकार को सुझाव

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देश के बड़े धातु कारोबारी अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी यह बात पहुंचाई, सरकार से एनएमडीसी सहित पांच खनन कंपनियों का निजीकरण करने का सुझाव दिया है। अनिल ने कहा कि इससे देश का सालाना करीब 400 अरब डॉलर (करीब 27.8 लाख करोड़ रुपये) का आयात खर्च बच जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का काम कारोबार करना नहीं है। वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन मोदी की बजट पूर्व बैठक में आमंत्रित तीन उद्योगपतियों में शामिल थे। मोदी ने 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ यह बैठक शनिवार को की थी। अग्रवाल ने कहा कि रोजगार घटाए बिना किए गए निजीकरण से क्षमता सुधरेगी और घरेलू उत्पादन बढ़ेगा। इससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।

अग्रवाल ने कहा कि नीति आयोग द्वारा शनिवार को आयोजित बैठक में मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि सरकार का काम कारोबार करना नहीं है। उसे कम से कम पांच सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच देनी चाहिए। ऐसी कंपनियों में हिन्दुस्तान जिंक, हिन्दुस्तान कॉपर, कोलार गोल्ड, यूरेनियम कॉरपोरेशन, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और एनएमडीसी शामिल हैं। जब मैंने हिन्दुस्तान जिंक को खरीदा था, तब उसमें 5,000 कर्मचारी थे। आज उसमें 25,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। अनिल का कहना था कि देश का आयात खर्च बचेगा तो हमारी अर्थव्यवस्था को इससे काफी फायदा होगा।

मोदी की बैठक में शामिल अन्य दो कारोबारियों में टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और आइटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी भी शामिल थे। चंद्रशेखरन ने मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र पर अपने सुझाव दिए, जबकि पुरी ने अर्थव्यवस्था में मूल्यवर्धन पर अपनी राय दी। अग्रवाल ने बैठक में खनन और प्राकृतिक संसाधन पर सुझाव दिए।

वेदांता ने 2002-2003 के दौरान एचजेडएल में सरकार की 64.9 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी। सरकार की अभी भी इस कंपनी में 29.5 फीसद हिस्सेदारी है, जिसे वेदांता खरीदना चाहती है। अग्रवाल ने कहा कि भारत यदि तेल एवं गैस, खनिज और सोना जैसी धातुओं का उत्पादन नहीं बढ़ाता है, तो देश का आयात खर्च 400 अरब डॉलर जल्द ही बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच जाएगा। यदि पेट्रोलियम उत्पादन दोगुना कर दिया जाए और सोने का उत्पादन बढ़ाकर 300 टन पर पहुंचा दिया जाए, तो देश का संपूर्ण चालू खाता घाटा खत्म हो जाएगा।

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