जहां कबाड़ बेच कर आम लोग केवल 100-200 ही कमा पाते है तो वही उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्त वर्ष 2018-19 में बेकार पड़ी सामग्री को बेचकर 197.47 करोड़ रुपये की आय अर्जित की जो 190 करोड़ रुपये के तय लक्ष्य से अधिक रही। इस वर्ष की शुरुआत में यह आय 135 करोड़ रुपये अनुमानित थी। वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले इस वर्ष स्क्रैप बेचकर 14.56 प्रतिशत अधिक आय हुई है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया की फील्ड यूनिट्स से पुराने कबाड़ को हटाने तथा बेचने के लिए चलाये गये विशेष अभियान के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के चारों मण्डलों तथा निर्माण संगठन ने 40,000 मिट्रिक टन कबाड़ को हटाया जिससे उत्तर पश्चिम रेलवे को इसे बेचकर अतिरिक्त आय हुई।
उन्होंने बताया कि इस बार यह कबाड़ पिछले वर्ष की तुलना में 6.87 प्रतिशत अधिक दर पर विक्रय किया गया है। इस अभियान से एक ओर जहां रेलवे परिसर की स्वच्छता में वृद्धि हुई है तो वहीं दूसरी ओर रेलवे की सुरक्षा भी मजबूत हुई है।