दा एंगल।
बेंगलुरु।
कर्नाटक में चल रहा सियासी संकट गहरा गया है। कांग्रेस के सभी मंत्रियों ने प्रदेश अध्यक्ष को अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं। उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कर्नाटक के इस सियासी दंगल में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी भी अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।
गौरतलब है कि 12 जुलाई से विधानसभा का सत्र भी शुरू होने वाला है। संकट की शुरुआत निर्दलीय विधायक एच नागेश तथा केपीजे के एकमात्र विधायक आर शंकर को 14 जून को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने से हुई। इसी के बाद कर्नाटक सरकार में बगावत हो गई। कांग्रेस के सिद्धरमैया ने सत्तारूढ़ गठबंधन कांग्रेस और जनता दल सेकुलर के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कोटे के एक मंत्री पद के कई दावेदार थे और पार्टी ने इसे निर्दलीय विधायक को देने का फैसला किया।
गठबंधन के वक्त हुआ था ये फैसला
गठबंधन बनाने के समय हुए समझौते के तहत, कांग्रेस को 22 और जद एस को 12 मंत्री पद मिलने थे। गठबंधन के दोनों साझेदारों ने सरकार बचाने के लिए अपने-अपने कोटे के मंत्री पदों को इन दो विधायकों को दे दिया। एक सवाल पर सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री एचडी कुमास्वामी से कोई मुलाकात नहीं होगी।