The Angle
जयपुर।
प्रदेश में एकबार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसे लेकर गहलोत सरकार बीते कुछ दिनों से लगातार रिव्यू मीटिंग लेकर हालात की समीक्षा कर रहे थे। अब मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों के हित में एक सख्त कदम उठाया है। गहलोत सरकार ने प्रदेश के 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। अब इन शहरों में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक आवाजाही पर पाबंदी रहेगी। वहीं शहरी क्षेत्रों में मार्केट रात 10 बजे बाद नहीं खोले जा सकेंगे। ये कर्फ्यू 22 मार्च से लागू होगा।
नाइट कर्फ्यू से नाइट शिफ्ट, इमरजेंसी सर्विसेज सहित कई अन्य कैटेगरी में मिलेगी छूट
गृह विभाग ने अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सागवाड़ा, कुशलगढ़ में नाइट कर्फ्यू लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इन शहरों में बीते कुछ दिनों में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए थे। हालांकि नाइट कर्फ्यू की बाध्यता उन फैक्ट्रियों पर लागू नहीं होगी, जिनमें निरंतर उत्पादन होता है और रात्रिकालीन शिफ्ट की व्यवस्था है। साथ ही आईटी कंपनियां, रेस्टोरेंट, केमिस्ट शॉप, अनिवार्य और आपातकालीन सेवाओं से संबंधित कार्यालय, विवाह संबंधी समारोह, चिकित्सा संस्थान, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट आने-जाने वाले यात्री, माल परिवहन करने वाले वाहन और लोडिंग-अनलोडिंग के नियोजित व्यक्तियों को नाइट कर्फ्यू से छूट दी गई है।
प्राथमिक स्कूल आगामी आदेश तक रहेंगे बंद
वहीं सरकार ने प्राथमिक स्कूलों को भी अगले आदेश जारी होने तक बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे ऊपर की कक्षाओं और कॉलेजों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना के साथ शैक्षणिक गतिविधियां संचालित होंगी। कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी नहीं बुलाए जा सकेंगे। वहीं विवाह समारोह में 200 और अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे। आयोजन की पूर्वअनुमति के लिए विवाह की सूचना संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को ई-मेल से भी दी जा सकेगी।
अब राजस्थान से बाहर से आने वाले सभी यात्रियों को दिखानी होगी कोविड नेगेटिव रिपोर्ट
राजस्थान सरकार की ओर से यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि 25 मार्च से प्रदेश से बाहर से आने वाले सभी यात्रियों को 72 घंटे में करवाई गई आरटी-पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाना भी अनिवार्य होगा। पहले केवल केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश से आने वाले यात्रियों के लिए ही इसकी अनिवार्यता की गई थी। एयरपोर्ट, बस स्टैण्ड तथा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जांच भी की जाएगी। जो यात्री नेगेटिव रिपोर्ट के बिना आएंगे, उन्हें 15 दिन के लिए क्वारंटीन रहना होगा। सभी कलेक्टर अपने जिलों में संस्थागत क्वारेंटीन की व्यवस्था फिर से शुरू करेंगे। वहीं कार्यालयों में कार्य की आवश्यकता के अनुरूप ही कार्यालय अध्यक्ष द्वारा कार्मिकों को बुलाया जाएगा। इस संबंध में कार्यालय अध्यक्ष निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्यालय को सीज किया जा सकेगा।