कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शुक्रवार को एक बार फिर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को पहले से पता था कि मेहुल चोकसी बैंकों को चूना लगाकर बहुत जल्द विदेश भागने वाला है. कांग्रेस ने यह आरोप एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाए हैं. हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ रुपए का चूना लगाकर विदेश भागे मेहुल चोकसी को मोदी सरकार के प्रत्येक मंत्रालय, विभाग और एजेंसी ने हरी झंडी दी थी, जिसकी वजह से चोकसी एंटिगा की नागरिकता हासिल करने में सफल रहा. मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा, ‘इससे साबित होता है कि मोदी सरकार का नारा भगोड़ों का साथ और भगोड़ों का विकास है.’
गौरतलब है कि एंटिगा किसी भी भारतीय को अपनी नागरिकता देने के लिए भारत से कई तरह के सत्यापन मांगती हैं. चोकसी के मामले में भारत की सरकार और कई विभागों की तरफ से पिछले साल ही एंटिगा को पॉजिटिव रिपोर्ट उपलब्ध करवाई गई थी. बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक में घोटाला सामने आने के बाद मेहुल चोकसी 4 जनवरी 2018 को देश छोड़कर भाग गया था.
अपनी इस कांग्रेस ने सबूत पेश करते हुए कहा कि- चोकसी के खिलाफ भारत में 2015 के बाद से ही पुलिस शिकायतें दर्ज़ करवाई जाने लगीं थी. जो कि प्रधानमंत्री कार्यालय, सेबी, प्रवर्तन निदेशासय समेत पुलिस को पता थीं. लेकिन इसके बावजूद चोकसी के बारे में इंटरपोल को सही सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई. और एंटिगा द्वारा मांगे जाने पर मोदी सरकार ने उसे क्लीन चिट दे दी. केंद्र की भाजपा सरकार ने मई 2017 में एंटिगा के सीआईयू को यह प्रमाणपत्र दिया कि उसके पास मेहुल चोकसी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक सूचना नहीं है.
इस मामले में कांग्रेस ने सरकार से कुछ सवालों का जवाब मांगा है. इनमें से प्रमुख हैं- जब मेहुल चोकसी के खिलाफ मई 2015 से लेकर मई 2017 तक लगातार पीएमओ समेत तमाम विभागों और मंत्रालयों में शिकायतें थीं, तो फिर विदेश मंत्रालय ने क्यों मेहुल चोकसी को क्लीन चिट दे दी? और यह भी कि मेहुल चोकसी को एंटिगा की नागरिकता के लिए सेबी ने क्लीन चिट का प्रमाणपत्र क्यों दिया. कांग्रेस ने भाजपा से इसका जवाब भी मांगा है कि मेहुल चोकसी के खिलाफ तमाम शिकायतों के बावजूद सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने इंटरपोल से संपर्क कर उसके खिलाफ वारंट जारी क्यों नहीं कराया? और मेहुल चोकसी कारगुजारी सामने आने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एंटिगा के प्रधानमंत्री से हुई बातचीत में यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया?