तमिलनाडु में आयकर विभाग की एक रेड में 163 करोड़ रुपए की नकदी और करीब 100 किलोग्राम सोना जब्त किया जा रहा है. ऑपरेशन पार्किंग मनी नाम से डाली गई यह रेड आयकर विभाग की तरफ से देश में डाली गई अब तक की सबसे बड़ी रेड बताई जा रही है. ख़बरों के मुताबिक विभाग के पास तमिलनाडु के एक ठेकेदार नागराजन सेय्यदुरई की कंपनी में असामान्य लेन-देन की जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाही की गई. रेड से जुड़े ने एक अधिकारी ने मीडिया को इस बात की पुष्टी करते हुए कहा है कि अभी इस रेड में और संपत्ति सामने आ सकती है. इस अधिकारी ने बताया कि यह पूरा कैश ट्रैवल बैगों में भरकर पार्किंग में खड़ी कारों में रखे गए थे.
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Gold biscuits weighing around 100 kg and Rs 163 crore in cash that is suspected to be unaccounted, seized by the Income Tax department from 20 locations of SPK company in Madurai, Aruppukkottai, Vellore and Chennai. Raids started y'day, still underway at few locations. #TamilNadu pic.twitter.com/LY5fgyS9TM
— ANI (@ANI) July 17, 2018
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जानकारी के अनुसार आयकर विभाग ने यह रेड सोमवार सुबह छह बजे शुरु की थी जिसके तहत कंपनी के चेन्नई में सत्रह, अरुपकोट्टाई में चार और कोटपाड़ी के एक सहित कुल बाईस ठिकानों पर छापेमारी की गई जो अभी तक जारी है. सेय्यदुरई के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी समेत सत्ताधारी एआईएडीएमके के कई नेताओं से करीबी संबंध बताए जाते हैं.
विश्लेषकों के मुताबिक तमिलनाडु की यह रेड केंद्र सरकार के उन सभी दावों की पोल खोलती दिखती है जिनके तहत कहा गया था कि नोटबंदी के बाद देश में मौजूद कालाधन बाहर आ गया था. गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने आठ नवंबर 2016 को अचानक से नोटबंदी की घोषणा कर दी थी जिसके बाद देश में एक तरह से वित्तिय आपातकाल लागू हो गया था. अलग-अलग रिपोर्टों के मुताबिक इस नोटबंदी की मार सबसे ज्यादा छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारियों पर सबसे ज्यादा पड़ी थी जिनमें से कई बरबाद भी हो गए थे. इसके अलावा केंद्र की ही जीएसटी योजना पर भी कई सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं. जानकारों का कहना यदि नोटबंदी में सारा कालाधन बाहर आ गया और जीएसटी लागू होने के बाद तमाम करों में पारदर्शिता आ गई है तो फिर इतनी बड़ी रकम कैसे बरामद हुई?