द एंगल।
श्रीनगर।
ईयू सांसदों ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार की पोल खोल दी है। इन सांसदों ने कहा है कि वे किसी भी हालात में जम्मू-कश्मीर को अफगानिस्तान नहीं बनने देंगे। जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए 23 यूरोपीय सांसदों ने आतंकवाद को वैश्विक समस्या बताया। ईयू प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक सांसद ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का पुरजोर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पाक से दहशतगर्दों को फंडिंग होती है। सांसदों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जंग में हम भारत के साथ हैं। वहां सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद की है।
मीडिया से बातचीत में ये बोले ईयू सांसद-
यूरोपीय संसद के सदस्य ने कहा कि वे कई बार भारत आ चुके हैं। मीडिया से बातचीत में थेरी मरियानी ने कहा कि मैं दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में गया था। इस बार हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी जुटाना थी। कश्मीर में स्थितियां अब सुलझने लगी हैं। एक सांसद ने कहा कि आतंकवाद की वैश्विक समस्या से हम सभी जूझ रहे हैं। इस मसले पर हम भारत का समर्थन करते हैं, साथ हमें भारत का समर्थन भी चाहिए। मरियानी ने कहा कि हमने सिविल सोसायटी के लोगों से भी मीटिंग की।
मजदूरों की हत्या को बताया विभत्स
इंग्लैंड के यूरोपीय सांसद बिल न्यूटन ने जम्मू-कश्मीर में मजदूरों की हत्या को गलत बताया। आतंकियों की ओर से हत्याएं किया जाना दर्दनाक है। न्यूटन ने कहा कि भारत का हमेशा से शांति का इतिहास रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे दौरे को गलत तरीके से देखा गया है। हम जम्मू-कश्मीर में शांति के तथ्यों को जुटाने आए हैं।
पाकिस्तान को खरी-खरी-
ईयू सांसदों प्रेसवार्ता में पाकिस्तान को जमकर खरी-खरी सुनाई। साथ ही खुद को नाजी बताए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भारत की आतंरिक राजनीति से हमें कोई लेना देना नहीं है। आतंकवाद एक विष्व स्तरीय समस्या है। आतंकवाद किसी भी देष को बर्बाद नहीं कर सकता। इस पर रोक लगानी चाहिए। सांसदों ने प्रेसवार्ता में यह भी कहा कि हम कष्मीर को दूसरा अफगानिस्तान बनते नहीं देख सकते।