जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए घातक आत्मघाती हमले के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
हालांकि पुलवामा हमले के तुरंत बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला भी बोल दिया। कुछ लोगों को यह भी लग रहा है कि क्या मोदी सरकार उरी हमले के बाद किए गए सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ही कोई कदम उठाएगी? गौरतलब है कि जैश सरगना अजहर को कंधार में इंडियन एयरलाइंस के प्लेन हाइजैक के बाद यात्रियों के बदले छोड़ा गया था। सीआरपीएफ काफिले पर किए गए हमले से पहले आत्मघाती हमलावर ने एक विडियो कहता दिख रहा है कि वह जन्नत में स्थान बनाने जा रहा है। उनसे विडियो में युवाओं से आंतक और जैश में शामिल होने की बात भी कही थी।
पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर लगाम लगाने में सफलता पाने के बावजूद सुरक्षा एजेंसियां श्रीनगर-जम्मू हाइवे को सुरक्षित करने के लिए अभी भी संघर्ष कर रही है। 2017 में किए गए हमले के बाद हाइवे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया और सुरक्षाबलों के काफिले में सिविलियन गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगाई गई। लेकिन पुलवामा हमले ने अहम हाइवे की सुरक्षा की पोल खोल दी है। इसके अलावा सुरक्षाबलों के सामने एक आत्मघाती हमलावर के रूप में एक नई चुनौती भी सामने आ गई है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को आतंकियों ने CRPF के जवानों के काफिले पर बड़ा हमला कर दिया। आतंकियों की इस कायराना हरकत के चलते 40 जवान शहीद हो गए। खेल जगत ने इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा की है और साथ ही सरकार ने इस घटना पर कड़े ऐक्शन की मांग की है।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि साल 2014 के बाद देश पर कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि आतंकियों को शांति भंग करने का कोई मौका न मिले। रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस ने सीतारमण को आड़े हाथों लिया था और उन्हें पठानकोट और उरी आतंकी हमले की याद दिलाई थी। रक्षा मंत्री के इस बयान के कुछ दिन बाद ही पुलवामा हमला हुआ है।