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जात-पांत के बंधन से आजाद हुआ युवक, मिला ‘नो कास्ट, नो रिलीजन, नो गॉड’ सर्टिफिकेट

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टोहाना(फतेहाबाद) : जब दुनिया में हर जगह धर्म और जाति के लिए हिंसा हो रही है वहीं भारत में एक इंसान ऐसा भी है जो धर्म और जाति के बंधन से अलग होना चाहता है। ऐसा ही एक मामला हरियाणा के टोहाना का है। जहां रवि कुमार नामक एक व्यक्ति अपने नाम के साथ नास्तिक शब्द जोड़ना चाहता है। इसके लिए उसने लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी। दरअसल, यह भारत में अपने आप में पहला मामला है।
गौरतलब है कि युवक ने धर्म-जाति के बंधन से छूटने के लिए कोर्ट का सहारा लिया और लंबी जद्दोजहद के बाद उसे कानूनी रूप से ये मंजूरी भी मिल गई और अब एक सर्टिफिकेट भी मिल गया। मामला हरियाणा के टोहाना का है। किला मोहल्ला निवासी रवि कुमार ने अनोखी कानूनी जंग जीत ली है। अब उसे नास्तिक नाम से जाना जाएगा। इसके लिए उसे तहसील कार्यालय से ‘नो कास्ट, नो रिलीजन, नो गॉडश् सर्टिफिकेट जारी किया गया है। इसे देश का पहला ऐसा मामला बताया जा रहा है और इसके लिए रवि ने दो साल तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। रवि ने बताया कि देश में धर्म व जाति के नाम पर हो रही राजनीति को देखते हुए उसने ये फैसला लिया है। इसके लिए रवि ने दो अलग-अलग याचिकाएं कोर्ट में जनवरी 2017 में अपने वकील राजकुमार सैनी के जरिए लगाईं, जिसमें उसने अपने नाम के आगे धर्म व जाति हटाने की मांग रखी थी। लगभग एक साल तक चली कागजी कार्रवाई के बाद कोर्ट ने उसे धर्म व जाति का नाम अपने नाम से हटाने की आज्ञा प्रदान कर दी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद वह अब किसी भी धर्म जाति से संबंध नहीं रखता है तथा वह विवाह भी संविधान के मुताबिक कोर्ट में ही करेगा। रवि ने बताया कि वे चार भाई-बहन हैं। वह लंबे समय यह महसूस कर रहा था कि देश दुनिया में जाति, धर्म, बिरादरी, मजहब आदि की समस्या है, जिसने इंसान को पूरी तरह बांट कर रख दिया है। इसलिए उसने नई शुरुआत करते हुए श्नास्तिकश् कहलाने का हक माननीय न्यायालय के माध्यम से हासिल कर लिया।
डिप्टी कमिश्नर ने खुद दस्तावेजों की जांच की
रवि के वकील ने बताया कि तहसील कार्यालय ने रवि को ‘नो कास्ट, नो रिलिजन, नो गॉडश् सर्टिफिकेट दिया, तो उसने डिप्टी कमिश्नर के पास आवेदन किया। वहां रवि के सभी दस्तावेज जांचे गए। यह पुष्टि की गई कि रवि का क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं। कहीं उसके संबंध किसी अन्य देश के साथ तो नहीं। वह इस प्रमाण पत्र का कोई दुरुपयोग तो नहीं करना चाहता। जब डीसी सभी चीजों से संतुष्ट हो गए, तो उनके आदेश पर उपतहसीलदार ने रवि को सर्टिफिकेट जारी कर दिया

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