द एंगल।
जयपुर।
छठ को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है। इस व्रत में शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। छठ का पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि को दिया जाता है। ये अर्घ्य डूबते सूरज को दिया जाएगा। इस समय जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया जाता है।
छठ पूजा बहुत कड़े नियमों के साथ की जाती है। आइए जानते हैं कि डूबते सूर्य को अर्घ्य देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
हर पूजा की एक विधि होती है। जिससे विधि पूर्ण करना बेहद जरुरी होता है। इसी प्रकार सूर्य को अर्घ्य देते समय सभी नियमो की पालना करना बेहद जरुरी है।
ये है सूर्य को अर्घ्य देेने की विधि-
- अर्घ्य देने के लिए जल में जरा सा दूध मिलाया जाता है, बहुत सारा दूध व्यर्थ न करें।
- टोकरी में फल और ठेकुवा आदि सजाकर सूर्य देव की उपासना करें।
- उपासना और अर्घ्य के बाद आपकी जो भी मनोकामना है, उसे पूरी करने की प्रार्थना करें।
- प्रयास करें कि सूर्य को जब अर्घ्य दे रहे हों, सूर्य का रंग लाल हो।
- इस समय अगर अर्घ्य न दे सकें तो दर्शन करके प्रार्थना करने से भी लाभ होगा।
सूर्य को अर्घ्य देने से इनको होगा लाभ-
वैसे तो छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य सभी को देना चाहिए। इससे आपके घर परिवार में सुख समृद्धि बानी रहती है। लेकिन खासतौर पर जिन लोगो को निम्नलिखित परेशानियां है उनको इसका विशेष ध्यान देना चाहिए।
- जो लोग बिना कारण मुकदमे में फंस गए हों
- जिन लोगों का कोई काम सरकारी विभाग में अटका हो
- जिन लोगों की आँखों की रौशनी घट रही हो
- जिन लोगो को पेट की लगातार समस्या रहती हो
- जो विद्यार्थी बार बार परीक्षा में असफल हो रहे हों
- छठ पूजा की कथा का भी खूब महत्व है।