डर, स्तब्ध और गुस्सा
क्राइस्टचर्च हॉस्पिटल के चीफ सर्जन ग्रेग रॉबर्स्टन ने अस्पताल के माहौल के बारे में कहा, ‘डर, स्तब्ध और गुस्सा यही तीन भाव टीम के डॉक्टरों, सर्जनों, नर्स और हॉस्पिटल स्टाफ का है। शुरुआत में कुछ प्राइवेट गाड़ियों में घायलों की बॉडी आई और उसके बाद एक के बाद एक ऐंबुलेंस में भरकर बॉडी आती रही।’
हादसों से निपटने की क्षमता है
ग्रेग रॉबर्स्टन ने कहा 2010 और 2011 में आए भयानक भूकंप में शबर के 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। उस वक्त भी शहर की मेडिकल टीम ने मुस्तैदी से मामले को संभाल लिया था। ‘मुझे नहीं लगता है कि भूकंप के वक्त हमने जिस तरह से काम किया था, उसे देखते हुए अचानक आई आपदा में हमारी क्षमता को लेकर किसी को संदेह है। इस शहर को त्रासदी से उबरकर जीने के लिए जाना जाता है, लेकिन गोलीकांड ने लोगों को भयानक डर से भर दिया है। यह हमारी पूरी प्रक्रिया का हिस्सा है।’
ग्रेग ने कहा, ‘भूकंप ऐसी चीज थी जिस पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं था। आज के हालात ऐसे हैं जिसमें एक शख्स ने यह सब हमारे अपनों के साथ किया है, हमारे दोस्तों, हमारे सहकर्मियों के साथ यह क्रूरता हुई, इस पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं।