न्यूयॉर्क. ग्रीनलैंड के आइसलैंड में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बर्फ की चादर (आइसशीट) फैली हुई है। यहां मौसम में हो रहे बदलावों का असर पता करने के लिए कनाडा के पर्वतारोही विल गैड अपनी टीम के साथ पहुंचे। इस इलाके में तापमान माइनस 50 डिग्री सेल्सियस है। ग्रीनलैंड से ज्यादा आइसशीट अंटार्कटिक में है, जिसका क्षेत्र 1।4 करोड़ वर्ग किमी है। अंटार्कटिक में दुनिया की 90 फीसदी बर्फ है। अगर वह बर्फ पिघली तो समुद्र तल का स्तर 58 मीटर तक बढ़ जाएगा और तटीय शहरों पर डूबने का खतरा रहेगा।
विल गैड ने कहा- “शरीर जम सकता था, पर मौसम में बदलाव के संकट जानने के लिए ग्रीनलैंड के मौलिन को चुना। यह ग्लेशियर में एक विशाल छेद है। ये तब बनता है, जब पानी बर्फ की दरार में अपना रास्ता खोजता है। ये करीब 90 मीटर गहरा है।” “हमने इस छेद को सीधी कठिन चढ़ाई के लिए चुना। इस छेद के अंदर जाने और वहां से चढ़ाई का मकसद उन आंकड़ों को जुटाना है, जो ध्रुवों पर जमी बर्फ पर असर डालते हों। ग्रीनलैंड के 80% इलाके में बर्फ है। हम जानना चाहते थे कि पिघलने की दर क्या है।”