दा एंगल।
जयपुर।
यह दुनिया अनंतकाल से चली आ रही है। इस दुनिया कितनी बार ही बनी और बिगड़ी है। हजारों सालों से इस दुनिया पर असंख्य जीव रहते आए हैं। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी पर जीव-जंतुओं के जीवन पर कई बार रिसर्च किया है। कुछ सालों पहले मीडिया में कुछ ऐसी खबरें प्रकाशित हुई थी। जिसको पढ़कर दुनिया का हर आदमी सन्न रह गया था।
छह बार दुनिया बनी और बिगड़ी
दरअसल,वर्ष कुछ साल पहले मीडिया में खबरें आई थी। जिसमें कहा गया था कि जल्द ही दुनिया खत्म होने वाली है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ऐसा दावा कोई धार्मिक संस्था, जादूगर या भविष्यवेता ने नहीं किया। बल्कि यह दावा शोधकर्ताओं का है। शोधकर्ताओं का कहना है कि 26 करोड़ साल पहले दुनिया में महाप्रलय हुई थी। इसके बाद छह बार दुनिया बनी और बिगड़ी है।
शोध में बता चला है छह बार यह धरती पर जीव-जंतुओं से विहीन हो चुकी है। एक बार फिर से ऐसी संभावना बन रही है। यह रिपोर्ट न्यूयार्क के एक प्रोफेसर ने की है। सृष्टि के विनाश के कारणों की जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि पृथ्वी पहले भी जीव-जन्तु विहीन भी हो चुकी है। सामूहिक विनाश की सभी घटनाएं पर्यावरणीय उथल-पुथल के कारण हुई थीं। शोध के आधार पर दावा किया गया है कि पृथ्वी पर महाप्रलय बाढ़ और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी घटनाओं के चलते हुई थीं। दावा किया जा रहा है कि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद लाखों किलोमीटर तक धरती पर लावा फैल गया था, जिसके चलते सारे जीव-जन्तुओं का नाश हो गया था।
गौरतलब है कि इससे पहले भी वैज्ञानिकों का अनुमान था कि धरती का पांच बार विनाश हो चुका है। इसी वजह से धरती पर से कई जीव-जन्तुओं की प्रजाति पूरी तरह विलुप्त हो गई हैं। शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि धरती का ताप जिस तरीके से बढ़ रहा है उसे देखते हुए सातवीं बार महाप्रलय हो सकता है। इसमें ये भी कहा गया है कि कई जीवों की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं।