असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनसीआर) के नए मसौदे को लेकर राजनीति गर्माती जा रही है. एनसीआर के ड्राफ्ट को लेकर आज संसद में हंगामे के बाद कांग्रेस और भाजपा के नेता सदन के बाहर भी आपस में भिड़ गए. बिहार के बक्सर से सांसद और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य के बीच इस मुद्दे पर जमकर गहमागहमी हो गई. इस कहासुनी से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर जनता को बलगराने का आरोप लगाते सुने जा सकते हैं.
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#WATCH: Union Minister Ashwini Choubey and Congress MP Pradip Bhattacharya argue in Parliament premises over #NRCAssam issue pic.twitter.com/lr5JPZ9uvK
— ANI (@ANI) July 31, 2018
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गौरतलब है कि इस सोमवार को असम में एनसीआर का अंतिम मसौदा सोमवार को ज़ारी किया गया था जिसके बाद से ही सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस ड्राफ्ट के मुताबिक असम के कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में चालीस लाख से ज्यादा लोगों को अवैध पाया गया है. हालांकि इस उथल-पुथल के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने इन लोगों को बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को टिप्पणी की है कि एनआरसी महज एक ड्राफ्ट है जिसमें शामिल न होने वाले लोगों के खिलाफ कोई जबरन कार्यवाही नहीं होनी चाहिए.
इस मसौदे के तैयार होने के बाद से भाजपा के नेता जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने यह घोषणा की है कि यदि बंगाल में उनकी सरकार आती है तो वे वहां से भी असम की ही तरह सारे अवैध प्रवासियों को वापिस बंग्लादेश भेज दिया जाएगा. वहीं तेलांगना के भाजपा विधायक राजा सिंह ने कहा है कि यदि रोहिंग्या और बांग्लादेश मुसलमान वापिस नहीं जाते हैं तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए.
इस पूरे मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी निशाना साधा है. राज्यसभा में दिए अपने भाषण में शाह ने कहा कि गांधी ने 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन इसे लागू करने का साहस नहीं जुटा पाए. जबकि भाजपा ने ऐसा कर दिया दिखाया है.