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एसआईटी का खुलासा : परशुराम वाघमारे ने की थी पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या

एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘परशुराम वाघमारे ने गौरी लंकेश को गोली मारी और फॉरेंसिक जांच से पुष्टि होती है कि गोविंद पानसरे, एमएम कलबुर्गी और गौरी की हत्या एक ही हथियार से की गई.’

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पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गौरी की हत्या को परशुराम वाघमारे ने अंजाम दिया था. वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है.

नाम उजागर न करने की शर्त पर एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘फॉरेंसिक जांच से पुष्टि होती है कि (तर्कवादी)  और गौरी की हत्या एक ही हथियार से की गई.’ हालांकि उनका यह भी कहना था कि दोनों अपराधों में इस्तेमाल किए गए हथियार का अभी पता नहीं लगाया जा सका है.

अधिकारी ने बताया कि हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के लोगों को शामिल कर बनाए गए इस संगठन में 60 सदस्य हैं जो कम से कम पांच राज्यों में फैले हुए हैं लेकिन इस संगठन का कोई नाम नहीं है. इस अधिकारी के मुताबिक, ‘हमें मालूम हुआ है कि इस गिरोह का मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में नेटवर्क है. हम अभी तक उत्तर प्रदेश से उनके ताल्लुक का पता नहीं चला सके हैं.’

उन्होंने कहा कि भले ही इस गिरोह ने महाराष्ट्र के हिंदू जागृति समिति और सनातन संस्था जैसे कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठनों के लोगों की भर्ती किया लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि ये संस्थाएं सीधे तौर पर हत्या में शामिल हों.

दोनों ही संगठनों ने इन तीनों की हत्या में किसी तरह की भूमिका से इंकार किया है. अधिकारी ने बताया कि सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण गिरोह के लिए लोगों की भर्ती करता था और उसी से पूछताछ के दौरान इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ.

उन्होंने बताया कि एसआईटी को संदेह था कि गौरी की हत्या के दौरान तीन और लोग वहां मौजूद थे. अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह बड़ी सतर्कता से अपने कार्यों को अंजाम देने से पहले उसकी योजना बनाता था. यह गिरोह जासूसी करना, निशाने पर लिए लोगों की कमजोरियां पहचानना और उनकी हत्या करने में छह महीने से साल भर तक का समय लेता था.

उन्होंने कहा, ‘यह गिरोह (कन्नड़ लेखक) प्रोफेसर एस भगवान की हत्या के लगभग अंतिम चरण में था जब हमने इन्हें धर दबोचा.’ कर्नाटक पुलिस ने हाल ही में भगवान की हत्या की साजिश का खुलासा किया था और गिर‍फ्तार किए गए चार आरोपियों से पूछताछ के दौरान ही गौरी लंकेश की हत्या में इनकी संलिप्तता का संदेह हुआ.

गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि संदिग्धों से एक डायरी बरामद की है. डायरी में उन हस्तियों के नाम दर्ज हैं जिन्हें निशाना बनाया जाना था. ये लोग कट्टरपंथी हिंदुत्व के खिलाफ कठोर नज़रिये के लिए चर्चित हैं. इन लोगों में फिल्म एवं रंगमंच हस्ती गिरीश कर्नाड के अलावा कई साहित्यकार और तर्कवादी शामिल थे.

गौरतलब है कि पांच सितंबर, 2017 को  बेंगलुरु स्थित घर के पास ही लंकेश को गोली मार दी गई थी. गौरी लंकेश को रात करीब 8:00 बजे तब गोली मार दी गई थी जब वह कार पार्क करने के लिए अपने घर का दरवाज़ा खोल रहीं थी. उन्हें हिंदुत्व के खिलाफ आलोचनात्मक रुख रखने के लिए जाना जाता था.

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