पीएनबी घोटाला मामले के मुख्य आरोपित नीरव मोदी के बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स भाग जाने की खबर है. सोमवार को सीबीआई ने इंटरपोल से नीरव मोदी और उसके भाई निशाल मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की थी. कहा जा रहा है कि इसके बाद मंगलवार या बुधवार को नीरव मोदी हवाई यात्रा के जरिये ब्रसेल्स भाग गया.
इसी हफ्ते खबरें आई थीं कि नीरव मोदी लंदन में राजनीतिक शरण लेने की कोशिश कर रहा है. खबरों के मुताबिक ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग वहां की सरकार की तरफ से इसकी पुष्टि का इंतजार कर रहा था कि वह ब्रिटेन में है या नहीं. कहा जा रहा है कि संभवतः इन खबरों की वजह से भी वह ब्रसेल्स भाग गया हो.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस बात की संभावना है कि भागने के लिए नीरव मोदी ने भारत के नहीं बल्कि सिंगापुर के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया हो. रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी के पासपोर्ट से 31 मार्च के बाद उसके कहीं और जाने से संबंधित जानकारी नहीं मिलती है. इससे पता चलता है कि वह इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अगर ऐसा है तो भारत सरकार इसमें कुछ खास नहीं कर सकती क्योंकि नीरव मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भारतीय पासपोर्ट पर जारी किया गया है. ऐसे में सरकार केवल सिंगापुर की सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर सकती है.
वहीं, भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने नीरव मोदी के नकली भारतीय पासपोर्ट इस्तेमाल करने की संभावना जताई है. अधिकारी के ही मुताबिक यह भी संभव है कि दूसरे देशों को जानकारी नहीं होने की वजह से वह रद्द किए पासपोर्ट पर ही सफर कर रहा हो. ऐसी रिपोर्टें भी हैं. कुछ दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि नीरव मोदी उसी पासपोर्ट पर अभी तक तीन देश घूम चुका है जिसे भारत सरकार रद्द कर चुकी है. अखबार के मुताबिक इंटरपोल ने भारतीय जांच एजेंसियों को बताया है कि नीरव मोदी मार्च में भारतीय पासपोर्ट पर तीन देशों की चार बार यात्रा कर चुका है. इस आधार पर सरकार से सवाल किया जा रहा है कि आखिर कैसे पासपोर्ट रद्द होने के बाद भी नीरव मोदी दूसरे देशों की यात्रा कर पा रहा है.