डूंगरपुर ।
पुलिस अधिकारी जवान ड्यूटी के साथ लोगों की मदद के काम भी करें तो यह चौंकाने वाला लगता है। लेकिन कुछ पुलिस अधिकारी सामाजिक काम के साथ जरूरतमंदों की मदद का काम भी कर रहे हैं। डूंगरपुर कोतवाली थानाधिकारी चांदमल सिंगारिया चांदमल पुत्र पन्नालाल सिंगारिया 12 साल से निर्धन, अनाथ और पढ़ाई नहीं कर पाने वाले विद्यार्थियों को गोद लेकर उनकी पढ़ाई से शादी तक का सारा खर्च उठाने का संकल्प ले चुके हैं। 13 लड़कियों और दो लड़कों को गोद ले रखा है। उन्हें पढ़ाने के साथ कोचिंग भी करवाई है। इनमें से दो बच्चों का बीएड और एक का सेना में चयन भी करवा चुके हैं। पाली जिले के बर निवासी एक लड़के को दिल्ली में आईएएस की तैयारी के लिए कोचिंग भी करवा रहे हैं। डूंगरपुर जिले की बोरी गांव की लड़की को दो साल से पढ़ाई करवा रहे हैं। उसने कक्षा 8 में स्कूल टॉप किया है। हर सप्ताह उसके घर जाकर जरूरी सामग्री उपलब्ध करवाते हैं। उनकी गोद ली हुई भीम की दो लड़कियों को ब्यावर कॉलेज में पढ़ाई करवा रहे हैं। उन्होंने उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, ब्यावर, पाली और अजमेर से भी लड़कियों को गोद ले रखा है। पाली बर निवासी लड़के को गोद लेकर दिल्ली में कोचिंग करवा रहे हैं। ब्यावर अजमेर की दो बच्चियों को शेखावाटी में नेट की कोचिंग करवा रहे हैं। दोनों बच्चियों ने सीबीएससी बोर्ड में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिले को टॉप किया था।
राजसमंद पुलिस लाइन में तैनात सिपाही डालूराम सालवी फ्री टाइम में सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाई करवाते है। उनके इस प्रयास से 8 साल में वे करीब 700 छात्रों को बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत परिणाम दिलवा चुके हैं। तीन-चार विद्यार्थियों के 80 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं। वे पुलिस सेवा में आने से पहले शिक्षक बनना चाहते थे, लेकिन शिक्षक में चयन नहीं होने पर विद्यार्थी मित्र बनकर स्कूल में पढ़ाना शुरू किया था। विद्यार्थी मित्र रहते हुए तैयारी कर सिपाही बन गए। कामलीघाट पुलिस चौकी पर ड्यूटी पर रहते हुए विजयपुरा स्कूल में हिन्दी और भूगोल के व्याख्याता की कमी होने पर साल 2013 से 2019 तक निरंतर पढ़ाते रहे हैं। पढ़ाई करवाते वक्त ड्यूटी से कॉल आ जाए तो वहां चले जाते हैं।