दा एंगल।
बिहार।
बिहार में महागठबंधन टूट गया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के बाद अब कांग्रेस ने भी महागठबंधन से अलग होने के संकेत दे दिए हैं। बिहार कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए उपचुनाव में पांच सीटों पर अकेले किस्मत आजमाने का फैसला किया है। पार्टी के प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
ड्राइवर हम ही रहेंगे-
कांग्रेस के बिहार प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि पार्टी ने पांचों सीटों पर पैनल तैयार किया है। हमारे सभी कार्यकर्ता पूरे जोश में है। वीरेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर ही रहेगी। बिहार प्रभारी सचिव राठौर ने कहा कि हमने कुछ दिन भले ही दूसरे को ड्राइवर बना दिया था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पैनल से तैयार पांचों नाम कांग्रेस आलाकमान को भेजा गया है और अब आगे का स्वरूप आलाकमान ही तय करेगा।
साथ लड़ा था 2019 का चुनाव
बिहार प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर ने यह भी कहा कि कांग्रेस के अंदर अच्छी लीडरशिप है और इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ही लीड करेगी। पार्टी की बैठक में हुए इस फैसले से साफ हो गया है कि वर्ष 2019 का चुनाव राजद के साथ मिलकर लड़ने वाली कांग्रेस काफी वक्त बाद अब बिहार के चुनावी मैदान में अकेले उतरेगी। दरअसल, चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी के विधायकों और बड़े नेताओं की राय लगातार यह आ रही थी कि कांग्रेस को अपने बूते जनता के बीच जाना चाहिए।
21 अक्टूबर को होने है चुनाव
21 अक्टूबर को बिहार विधानसभा के 5 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इस उपचुनाव को लेकर पिछले कुछ दिनों से महागठबंधन में चल रहा विवाद अब बिल्कुल सामने आ चुका है। जिन 5 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें नाथनगर, बेलहर, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंधा और किशनगंज शामिल है।