भारी घाटे और कर्ज तले दबी सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल इस बिक्री से कंपनी से 20,296 करोड़ की राशि मिलने का अनुमान है। भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड के अधिकारी ने कंपनी की देशभर में मौजूद जमीनों की सूची जारी की है।
कंपनी का मानना है कि भू-खंडों, मोबाइल टावर और फाइबर नेटवर्क की बिक्री से उसे बड़ी पूंजी मिल सकती है। बीएसएनएल के कॉरपोरेट अधिकारी ने अपने पत्र में बताया है कि बिक्री के लिए तैयार बिल्डिंग और फैक्टरी को मिलाकर कुल क्षेत्रफल 32.77 लाख वर्गमीटर होगा, जबकि सिर्फ जमीन का क्षेत्रफल 31.97 लाख वर्गमीटर होगा।
बीएसएनएल अधिकारी के अनुसार, इन संपत्तियों का सौदा करने के लिए वित्त मंत्रालय के अधीन निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की मदद ली जाएगी। कंपनी को 2018-19 में 14 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है। उसका राजस्व भी 19 हजार करोड़ आ गया जो एक साल पहले 25 हजार करोड़ से ज्यादा था।
सूची में शामिल कंपनी की टेलीकॉम फैक्ट्रियां मुंबई, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, गाजियाबाद और जबलपुर में हैं। इसके अलावा वायरलेस स्टेशन, कार्यालय और स्टाफ कॉलोनियां भी हैं। कंपनी के मुताबिक, अनुमानित बिक्री लागत में बिल्डिंग के दाम शामिल नहीं हैं। 1 अप्रैल 2015 के मूल्यांकन के अनुसार कुल जमीन की लागत 17,397 करोड़ रुपये है, जो चार साल की महंगाई दर को मिलाकर 20 हजार करोड़ से ज्यादा हो जाएगी।
सरकारी दूरसंचार कंपनी का सबसे ज्यादा खर्च वेतन के लिए होता है। कंपनी में अभी 1.76 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। इनके वेतन पर सालाना 14,488 करोड़ रुपये खर्च होता है, जो कंपनी के कुल खर्च का करीब 75 फीसदी है। राजस्व में लगातार गिरावट से कंपनी को हर साल घाटा हो रहा है।
नकद संकट से जूझ रही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के कर्मचारियों को जून का वेतन दे दिया गया है। इसके अलावा दिहाड़ी मजदूरों और अस्थायी कर्मचारियों को भी नियमित तौर पर वेतन भुगतान किया जा रहा है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी। इस साल फरवरी में वेतन भुगतान में कुछ देरी हुई थी।