पणजी ।
पोलैंड की 11 साल की अलिस्जा वानाटको ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री को हाथ से चिट्ठी लिखकर गोवा लौटने की गुजारिश की है कि कुछ सप्ताह पहले तक गोवा उसका घर था और एक बार फिर उसे वहीं रहने की अनुमति दी जाए। अलिस्जा ने कहा कि वह भारत लौटना चाहती है जो कि उसके और उसकी मां के लिए घर है।
अलिस्जा इस वक्त अपनी मां के साथ कंबोडिया में रह रही है। कुछ हफ्ते पहले तक गोवा ही उसके लिए घर था,लेकिन ओवरस्टे के कारण उसे और उसकी मां को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। दोनों को भारत छोड़कर जाना पड़ा। अब अलिस्जा ने पीएम मोदी और नए विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपील की है कि उसे और उसकी मां को फिर से गोवा में रहने की अनुमति मिले। चिट्ठी में उसने लिखा कि वह गोवा में अपनी पुरानी जिंदगी को बहुत याद करती है और भारत में मिले खुशी भरे पलों को भी याद करती है। चिट्ठी में उसने यह भी लिखा, ‘मैं गोवा में अपने स्कूल से बहुत प्यार करती थी, वहां के सुंदर प्राकृतिक दृश्य और जानवरों के रेस्क्यू सेंटर में गायों की देखभाल करने की अपनी दिनचर्या को याद करती हूं।’
11 साल की इस बच्ची ने पत्र में बताया कि थोड़े समय के लिए उसकी मां देश से बाहर गईं और उसके बाद उन्हें फिर भारत लौटने की अनुमति नहीं मिली। बच्ची के अनुसार,’24 मार्च के बाद मेरी मां वापस भारत नहीं लौट सकीं क्योंकि उन्हें बताया गया कि हमारी रुकने की अवधि खत्म हो चुकी है। इस कारण हमें ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया। हालांकि, इसमें हमारी कोई गलती नहीं है।’अलिस्जा ने लिखा, ‘मैं फिलहाल अपनी मां के साथ हूं, लेकिन अपनी पुरानी जिंदगी को बहुत मिस करती हूं।’
अलिस्जा ने पीएम मोदी से गुजारिश की है कि उसका और उसकी मां का नाम ब्लैकलिस्ट में से हटा दिया जाए और उन्हें फिर से गोवा में रहने की अनुमति मिले। अप्रैल में अलिस्जा की मां मारतुशका कोतलारस्का ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपनी बेटी से मिलने देने के लिए गुहार लगाई थी। मारतुशका को बेंगलुरु के इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर वीजा अवधि से अधिक वक्त तक रुकने के कारण डिटेन किया गया था। बाद में मारतुशका को मानवीय आधार पर लौटने की अनुमति मिली और कुछ ही दिन में अपनी बेटी के साथ भारत छोड़कर जाना पड़ा।