Home National भारत के लोगों को आने वाले सालों में और सताएगी गर्म हवाएं

भारत के लोगों को आने वाले सालों में और सताएगी गर्म हवाएं

373
0

नई दिल्ली : अब भारत के लोगों का आने वाले सालों में गर्मी से दो-चार होना पड़ेगा। यह बात एक शोध में सामने आई है। यह बात इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रोपिकल मिटियोरोलॉजी के एक शोध में सामने आई है। शोध में कहा गया है कि अल निनो मोडोकी एक मौसम प्रणाली जो अल नीनो से भिन्न है, वह भारत में गर्म हवाओं के बढ़ने का कारण हो सकती है। मिट्टी में मौजूद नमी के घटने और गर्मी का धरती से वातावरण में स्थानांतरित होना इसे और बढ़ा सकता है। यह घटनाएं 2020 और 2064 के बीच घट सकती हैं। यह बड़े पैमाने पर दक्षिण भारत और तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करेंगी जो अभी तक इससे बचे हुए है। फ्यूचर प्रोजेक्शंस ऑफ हीट वेव्स ओवर इंडिया फ्रॉम सीएमआईपी5 मॉडल्स नाम का यह शोध अतंरराष्ट्रीय जर्नल क्लाइमेट डायनेमिक्स में प्रकाशित हुआ है। इसमें मौसम के नौ मॉडल्स का परीक्षण किया गया ताकि भारत में गर्म हवाओं की तीव्रता, फ्रीक्वेंसी और अवधि और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को समझा जा सके। शोध में जिन मॉडल्स का प्रयोग किया गया उन्होंने 1961 और 2005 के बीच भारत में 54 गर्म हवाओ की पहचान की। पत्र में कहा गया है कि अध्ययनों से पता चलता है कि भारत के ऊपर गर्म हवाओं की फ्रीक्वेंसी, अवधि और आकाशीय सीमा अल नीनो के सफल वर्षों में ज्यादा पाए गए जब प्रशांत महासागर गर्म रहा। अल नीनो मोडोकी घटनाक्रम मे जब केंद्रीय प्रशांत महासागर गर्म होता है, वह भारत में गर्म हवाओं के लंबे समय तक रहने का कारण बनता है। 2020 से 2064 के बीच 138 गर्म हवाओं की घटनाएं घटित हो सकती हैं। आईआईटीएम के वैज्ञानिक पी मुखोपाध्याय ने कहा कि अतीत में हुए शोध दिखाते हैं कि इसे अल नीनो और प्रशांत महासागर की सतही विसंगतियों से जोड़ा जाता रहा है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि 1961 और उसके बीच गर्म हवा उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण-पूर्व भारत में प्रति सीजन लगभग 5-7 दिनों की औसत अवधि के दौरान हुआ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here