दा एंगल।
जयपुर।
प्रदेश में सिलिकोसिस से पीड़ित मजदूरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। अभी तक इन मजदूरों के कल्याण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। अब राज्य सरकार इन मजदूरों के कल्याण के लिए नई नीति बनाने जा रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बीमारी से पीड़ितों के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों को मासिक पेंशन देगी। सीएम गहलोत तीन अक्टूबर को pneumoconiosis पॉलिसी लॉन्च करेंगे। 3 अक्टूबर को राजधानी जयपुर में एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें सिलिकोसिस पीड़ितों को पेंशन पत्र वितरित किए जाएंगे।
दस जिलों में है सबसे ज्यादा सिलिकोसिस पीड़ित
गौरतलब है कि प्रदेश के 10 जिलों में मजदूरों की संख्या करीब 20 हजार है। इसमें 6300 श्रमिक इस बीमारी से पीड़ित है। इसके अलावा राज्य में 17 हजार 000 मजदूरों की अभी तक कोई स्क्रीनिंग नहीं हो पाई।
राज्य के जोधपुर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, नागौर, अजमेर, सिरोही, उदयपुर में सिलिकोसिस से पीड़ित मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में बनाई कमेटी ने सिलिकोसिस रोग से ग्रसित पीड़ितों के श्रमिकों और उनके परिवार को राहत देने पर सहमति जता चुके है। वहीं, सरकार पॉलिसी में माइनिंग कारोबारियों पर भी नकेल कसने का प्रावधान कर सकता है।
सिलिकोसिस फेफड़ों की एक जटिल बीमारी है जो सिलिका के सूक्ष्म धूलकणों का सांस के साथ शरीर में जाने का कारण होता है। सिलिका बालू, चट्टान व क्वार्ट्ज जैसे खनिज अयस्क का प्रमुख घटक है। जो लोग सैंड ब्लास्टिंग, खनन उद्योग, विनिर्माण आदि क्षेत्र में कार्यरत हैं, उन्हें सिलिकोसिस से ग्रस्त होने का जोखिम रहता है।
सिलिका के धूलकणों के कारण तरल एकत्रित होता है और फेफड़ों के उतकों (टिश्यू) को जख्मी कर देता है, जिससे सांस लेने की क्षमता घट जाती है। कुल मिलाकर यह एक लाइलाज बीमारी है, इसलिए बचाव ही एकमात्र उपाय है।