दा एंगल।
मुंबई।
पिछले दिनों भारत के दो राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इन चुनावों में जहां दोनों सत्तारूढ़ पार्टियों को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। जहां हरियाणा में भाजपा ने जेजेपी से गठबंधन करके सत्ता हासिल कर ली है। लेकिन महाराष्ट्र में पेंच फंस गया है। भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ी हुई है। उनका कहना है कि चुनाव से पहले 50ः50 के फाॅर्मूले पर बात हुई थी।
महाराष्ट्र में स्थाई सरकार का भाव 20 रुपए
अब इन सभी घटनाक्रम को देखते हुए सट्टा बाजार अमूमन चुनाव तक सक्रिय रहता है लेकिन महाराष्ट्र में चुनाव के रिजल्ट के एक सप्ताह बाद भी सटोरियों की अभी दिलचस्पी खत्म नहीं हुई है। एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि मुंबई के सट्टा बाजार में इस बात के भाव लगने शुरू हो गए हैं कि महाराष्ट्र में एक साल में फिर विधानसभा चुनाव होंगे। इस सूत्र के अनुसार, महाराष्ट्र में स्थाई सरकार का भाव सिर्फ 20 रुपये था।
विधानसभा चुनाव की 2020 में फिर संभावना
इस सूत्र का कहना है कि महाराष्ट्र में इन दिनों जिस तरह का माहौल है, सटोरियों को लगता है कि यदि कोई भी सरकार बन भी गई तो भी वह चंद महीनों से ज्यादा टिकेगी नहीं। इसलिए संभावना है कि साल 2020 में राज्य में फिर चुनाव होगा।
नौकरशाहों में भी बढ़ी दिलचस्पी
दूसरी ओर, राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम पर नौकरशाहों की भी दिलचस्पी बढ़ गई है। मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे को अगस्त में तीन महीने का सेवा विस्तार मिला था, जो इस 30 नवंबर को खत्म हो रहा है। तब ऐसा माना गया था और अब भी माना जा रहा है कि यदि बीजेपी का मुख्यमंत्री रहा और गृह मंत्रालय भी बीजेपी के पास रहा, तो बर्वे को अभी तीन माह का विस्तार और मिल सकता है। दूसरे राजनीतिक समीकरण में उन्हें दूसरा एक्सटेंशन मिल पाएगा या नहीं, यह समय ही बताएगा।
एक अधिकारी के अनुसार, यदि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की जगह दूसरा कोई मुख्यमंत्री आया, तो हो सकता है कि प्रवीण परदेसी की जगह बीएमसी में कोई दूसरा कमिश्नर आए। इस अधिकारी का कहना है कि हर सरकार कुछ खास पदों पर अपने कुछ खास अधिकारी लाती ही है, इसमें कोई खास बात नहीं। इसीलिए आने वाले दिन सिर्फ सरकार के स्तर पर ही नहीं, नौकरशाहों के स्तर पर भी काफी उथल-पुथल भरे होंगे।