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वीर सावरकर की जीवनी को पाठ्यक्रम से हटाने को लेकर बवाल

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जयपुर.प्रदेश में वीर सावरकर की जीवनी को पाठ्यक्रम से हटाने को लेकर बवाल बरपा हुआ है। लेकिन क्या आप जानते है सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या के लिए जेल में डाल दिया गया था। जी हां ये सच है, चलिए आपको बताते है वीर सावरकर के जीवन से जुडी कुछ बातें….

साल 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के छठवें दिन विनायक दामोदर सावरकर को गाँधी की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने के लिए मुंबई से गिरफ़्तार कर लिया गया था। हाँलाकि उन्हें फ़रवरी 1949 में बरी कर दिया गया था। एक वरिष्ठ लेखक का कहना है “हम नहीं भूल सकते कि गाँधी हत्याकांड में उनके ख़िलाफ़ केस चला था। वो छूट ज़रूर गए थे, लेकिन उनके जीवन काल में ही उसकी जाँच के लिए कपूर आयोग बैठा था और उसकी रिपोर्ट में शक की सुई सावरकर से हटी नहीं थी।

वीर सावरकर

कलेक्टर की हत्या का भी था शक

अपने राजनीतिक विचारों के लिए सावरकर को पुणे के फरग्यूसन कालेज से निष्कासित कर दिया गया था। साल 1910 में उन्हें नासिक के कलेक्टर की हत्या में संलिप्त होने के आरोप में लंदन में गिरफ़्तार कर लिया गया था। सावरकर पर ख़ासा शोध करने वाले निरंजन तकले बताते हैं, “1910 में नासिक के जिला कलेक्टर जैकसन की हत्या के आरोप में पहले सावरकर के भाई को गिरफ़्तार किया गया था.”

वीर सावरकर

“सावरकर पर आरोप था कि उन्होंने लंदन से अपने भाई को एक पिस्टल भेजी थी, जिसका हत्या में इस्तेमाल किया गया था। ‘एसएस मौर्य’ नाम के पानी के जहाज़ से उन्हें भारत लाया जा रहा था। जब वो जहाज़ फ़ाँस के मार्से बंदरगाह पर थी तो सावरकर जहाज़ के शौचालय के ‘पोर्ट होल’ से बीच समुद्र में कूद गए थे ।

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