नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की पूर्व सीएम और एआईएडीएमके नेता जे जयललिता की मौत के मामले में जस्टिस अरुमुगसामी जांच समिति की जांच पर रोक लगा दी है. उच्चतम न्यायालय ने जयललिता की चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में 2016 में हुई मृत्यु के कारणों की जांच कर रहे आयोग की कार्यवाही पर शुक्रवार को रोक लगाने का अहम आदेश दिया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता की मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिये चल रही जांच पर आपत्ति ठुकराने के मद्रास उच्च न्यायालय के चार अप्रैल के आदेश के खिलाफ अपोलो अस्तपाल की अपील पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने अपने आदेश में तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी करने के साथ ही जांच आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी. अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने पांच दिसंबर, 2016 को अपोलो अस्पताल में जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच के लिये न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरूमुगासामी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग गठित किया था. उल्लेखनीय है कि बीते 3 अप्रैल को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी कहा था कि राज्य में द्रमुक की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री जे.जयललिता की मौत के मामले की जांच कराई जाएगी. तिरुपपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार के हराने के बाद तमिलनाडु में सरकार में बदलाव होगा. उन्होंने कहा, “एक चीज स्पष्ट है, केंद्र में सरकार के बदलाव के तुरंत बाद राज्य की सरकार में बदलाव होगा. तब लोगों की समस्याओं को सुलझाया जाएगा.” तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “जब द्रमुक सत्ता में आ जाएगी, तो मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की जांच कराई जाएगी.”