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सेरोगेसी बिल को केंद्र की मंजूरी, अब अपनी इच्छा से सेरोगेट मदर बन सकेगी महिला

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द एंगल।

नई दिल्ली।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज बुधवार को राज्यसभा की चयन समिति की सिफारिशों को शामिल करने के बाद सरोगेसी (विनियमन) विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्यसभा सलेक्ट कमेटी की सिफारिशों को शामिल करने वाली सरोगेसी विनियमन विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी गई है।

सेरोगेसी बिल 2019 में बांझपन की परिभाषा को भी किया गया शामिल

बता दें एक संसदीय पैनल ने इसकी सिफारिश करते हुए कहा था कि न केवल करीबी रिश्तेदार, बल्कि अपनी इच्छा से सरोगेसी करने वाली किसी भी महिला को सरोगेट के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए। राज्यसभा की 23 सदस्यीय चयन समिति द्वारा सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019 में सुझाए गए 15 बड़े बदलावों में ‘बांझपन’ की परिभाषा को शामिल करना भी शामिल है।

जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय अधिनियमों के अनुकूलन के लिए आदेश जारी करने को मंजूरी

इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 96 के तहत जम्मू और कश्मीर के संघ राज्य क्षेत्र में केंद्रीय अधिनियमों के अनुकूलन के लिए एक आदेश जारी करने की मंजूरी दी है।

लकड़ी तस्करी, बाघ और अन्य जीवों के संरक्षण संबंधी ज्ञापनों को भी मंजूरी

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने लैक्कडिव, मिनिकोय और अमिंडीवि द्वीप समूह भूमि राजस्व और किराएदारी विनियमन, 1965 के संशोधन को मंजूरी दी है। यह संशोधन लक्षद्वीप के केंद्रशासित प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की आबादी को निवास अधिकार प्रदान करेगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने भारत और म्यांमार के बीच लकड़ियों की तस्करी, बाघों के सरंक्षण और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ पेट्रोलियम उत्पादों और संचार में सहयोग के लिए तीन समझौते ज्ञापनों पर मंजूदी दी है।

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