अजमेर ।
चीन और पाकिस्तान सहित अन्य कई देशों में प्रचलित भारत के ऐसे नक्शों पर भारत सरकार द्वारा कड़ा विरोध जताया जाता रहा है जिन नक्शों में कश्मीर गायब है, मगर हाल ही में हैरान कर देने वाली जानकारी यह उजागर हुई है कि राजस्थान के स्कूलों में तीन साल तक स्कूली बच्चों को ऐसी किताबों से पढ़ाई कराई जाती रही जिनमें भारत के नक्शों से कश्मीर गायब है। प्रकाशित नक्शों के तहत सिक्किम को भारत के दायरे से बाहर दिखाया गया है। हालांकि पाठ्यक्रम समीक्षा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को अभी पेश नहीं की है मगर मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार ऐसे नक्शों या पाठ्यपुस्तकों को तत्काल बदले जाने की अनुशंसा की जा रही है। 9वीं और 10वीं की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में वर्ष 2016 से 2018 तक यह गलती पढ़ाई जाती रही, जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया।
नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक विशेषज्ञ ने बताया कि दसवीं के पहले अध्याय में स्वर्णिम भारत प्रारंभ से 1206 तक में गुप्त साम्राज्य के अधिकार क्षेत्रों को दर्शाने के लिए भारत का नक्शा छापा गया है। जबकि गूगल पर मौजूद नक्शे में ऊपरी हिस्सा कटा हुआ है, लेकिन वहां अंग्रेजी में कश्मीर लिखा हुआ है। नक्शे में चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्र गुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय के शासन क्षेत्रों को अलग अलग रंगों में दर्शाया गया है, लेकिन भारत का हिस्सा कश्मीर को गायब कर दिया गया। इसी किताब में खनिज और ऊर्जा संसाधन के अध्याय 10 में पेज 124 पर भारत का ऊर्जा मानचित्र छापा गया है। भारत के इस नक्शे से भी कश्मीर वाला हिस्सा गायब है।
इन पाठ्यक्रमों में ढेरों त्रुटियां हैं। विशेषज्ञ के मुताबिक 10वीं की किताब में पेज 114 पर मुख्य फसलें और कृषि क्षेत्र को दर्शाने के लिए भारत के नक्शे का इंडेक्स ही गलत छपा है। इंडेक्स में हरे रंग को चावल क्षेत्र बताया गया है जबकि ग्रे रंग को गेहूं क्षेत्र बताया गया, लेकिन नक्शे में हर रंग इंडेक्स में गेहूं लिखा गया है। 2016.2017 और हाल ही में 2018 की परीक्षा भी हो गई है। किसी ने भी इस पर आवाज नहीं उठाई।