द एंगल।
नई दिल्ली।
भारतीय थल सेना की सबसे ताकतवर 21 स्ट्राइक कोर पाकिस्तान की सीमा के पास युद्धाभ्यास में जुटी है। इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के 40 हजार जवान ऑपरेशन सिंधु सुदर्शन चक्र के तहत अभ्यास कर रहे हैं। भारतीय सेना पहली बार इस युद्धाभ्यास में शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग कर रही है।
क्या है सिंधु सुदर्शन चक्र ऑपरेशन-
करीब तीन माह से चल रहे इस युद्धाभ्यास के दौरान सेना के जवान शुक्रवार चंद घंटों में दुश्मन के इलाकों पर कब्जा करने का पराक्रम दिखाने का अभ्यास किया। अभ्यास पाकिस्तान की सीमा से सटे बाड़मेर जिले में किया जा रहा है। सिंधु सुदर्शन चक्र ऑपरेशन में लगातार 12 घंटे तक युद्ध लड़ने की क्षमता को मैदान में परखा जाएगा। युद्धाभ्यास के दौरान मैकेनाइज्ड फोर्स पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग करने जा रही है। इसके तहत युद्ध क्षेत्र में इजरायली यूएवी हैरोन, हेलीकॉप्टर व सैटेलाइट से टारगेट को ग्रिड की तस्वीरें भेजी जाएगी।
युद्धाभ्यास में आर्मर्ड, मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री, इन्फेंट्री, आर्टिलरी, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन के अटैक हेलीकॉप्टर, वायु सेना के संसाधनों और स्पेशल फोर्स का खास तौर पर प्रदर्शन किया जाएगा।
इसलिए किया जाता है युद्धाभ्यास-
भारतीय सेना समय-समय पर इस तरह के युद्धाभ्यास करती रहती है। इन युद्धाभ्यास के माध्यम से सेना अपनी विभिन्न इकाइयों के साथ ही एयर फोर्स के साथ आपसी तालमेल को परखती है। सैन्य विशेषज्ञ लगातार प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखते है और वे अंक प्रदान करते है।
इसके बाद सभी विशेषज्ञ साथ में बैठ आपस में अपने विचार साझा करते है। इसके बाद इनमें सामने आई कमियों को अगले दिन दूर कर फिर से नए सिरे से युद्धाभ्यास किया जाता है। साथ ही प्रत्येक दिन दुश्मन की लोकेशन के साथ अलग-अलग फोरमेशन के साथ हमला करने का अभ्यास किया जाता है। चालीस हजार से अधिक जवान व अधिकारी करीब दो माह तक अभ्यास कर अपनी क्षमता को आकलन करेंगे।