जयपुर।
राजधानी के सवाईमानसिंह अस्पताल परिसर में आग लग गई। जिसमें लाइफ लाइन की दुकान जलकर खाक हो गई। आग की सूचना मिलने पर दमकल की 5 गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। अस्पताल परिसर में आग लगने से एक महिला मरीज की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि वार्ड से शिफ्टिंग के दौरान मरीज को सांस लेने में दिक्कत हुई, डॉक्टरों ने भी मरीज को नहीं संभाला।
एक की मौत
इस हादसे में करौली निवासी 60 वर्षीय बाड़ा देवी की मौत हो गई। एसएमएस में आग लगने से 2 घंटे तक रहा अफरा तफरी का माहौल रहा। यह घटना आज सुबह की है। वहीं कैंसर एवं आस-पास के विभागों से मरीजों को शिफ्ट किया गया। करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग में लाखों रुपए की दवाइयां-रिकॉर्ड जलकर खाक होने की आशंका जताई जा रही है।
मंत्री पहुंचे एसएमएस
घटना के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने एसएमएस अस्पताल का दौरा किया। चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि किसी भी मरीज को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाए। साथ ही इस तरह की घटना फिर ना हो इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
क्यों किया मरीज़ों की जान के साथ खिलवाड़
इस हादसे के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है। एसएमएस अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां हजारों की ओपीडी है। लेकिन यदि यही पर इस तरह की घटना से किसी की जान चली जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन है। क्यों आगजनी की घटना को रोकने के लिए पहले से ही वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी।