जयपुर। एक ओर सरकार शोध, इनोवेशन, स्किल डवलपमेंट को बढावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। वहीं प्रदेश की सबसे बडी यूनिवर्सिटी राजस्थान विश्वविद्यालय में गिनती के प्रोफेसर रह गए हैं। यूनिवर्सिटी में वर्तमान में मात्र 14 प्रोफेसर बचे हैं, जिनमें से भी 8 सीधी भर्ती और बाकि प्रमोटी हैं।
पिछले 4 साल में 30 से ज्यादा प्रोफेसर सेवानिवृत हो गए। जल्दी ही ये संख्या 10 से कम हो जाएगी। इसके अलावा 280 एसोसिएट, करीब 200 असिस्टेंट प्रोफेसर और गेस्ट फेकल्टी भी पढा रहे हैं। प्रोफेसर्स की संख्या कम होने का मुख्य कारण लंबे समय से रिक्रूटमेंट और स्क्रीनिंग नही होना है, साथ ही यूनिवर्सिटी पर फाइनेंशियल भार भी पडता है। जिसका प्रभाव शोध और शिक्षा पर पड रहा है।