जयपुर।
राजस्थान में इस बार मानसून देरी से आएगा। मौसम विभाग के अनूसार भूमध्य सागर से ईरान और पाकिस्तान के रास्ते आ रहे विक्षोभ का असर जून के मध्य तक रहेगा। आंधी और यह मौसम मानसून को राजस्थान में घुसने में बाधा उत्पन्न करेगा। ऐसे में ये आशंका जताई जा रही है कि थार में मानूसन एक सप्ताह देरी से प्रवेश करेगा। दूसरी तरफ इस साल उत्तरदायी समुद्री घटना (अल नीनो) के बावजूद प्रशांत महासागर में कमजोर स्थिति होने के कारण मानसून लगभग समय पर है। फिलहाल, दक्षिणी-मानसून अण्डमान द्वीप के बॉर्डर के आसपास है और अगले सप्ताह 20 मई को वहां ऑनसेट होने का पूर्वानुमान है. इसके 10 दिन बाद वह केरल के जरिए भारत की मुख्य भूमि में प्रवेश करेगा।
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विक्षोभ के असर से नमी व धूल राजस्थान की तरफ खींची चली आ रही है. ईरान व पाकिस्तान से बार-बार धूल भरे गुब्बार उठ रहे हैं, जो राजस्थान के साथ उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों को भी प्रभावित कर रहे हैं. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार विक्षोभ का प्रभाव अगले एक महीने तक बना रहेगा. पश्चिमी राजस्थान में आंधी का सर्वाधिक असर है जहां श्रीगंगानगर, बीकानेर से लेकर जैसलमेर तक 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल उड़ रही है. पूर्वी राजस्थान में इसकी रफ्तार 40 किलोमीटर तक है जबकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी आ रही है।