नई दिल्ली ।
रेलवे यात्रियों के लिए एक खास सुविधा उपलब्ध कराएगी। रेलवे यात्रियों के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए तबीयत खराब होने पर 182 टोल फ्री नंबर डायल कर सकते हैं, या फिर ट्रेन के अटेंडेंट या टीटीई से संपर्क करें। इनके पास डॉक्टरों के नंबर होते हैं। किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में टीटीई की तरफ से यह भी देखा जाता है कि ट्रेन में कहीं डॉक्टर तो नहीं सफर कर रहा है। अगर चार्ट में पता चले कि कोई डॉक्टर है, तो तुरंत उनसे संपर्क करके चलती ट्रेन में ही सेहत सुविधा मुहैया करवाई जाती है। अन्यथा अगले स्टेशन पर सूचना देकर डॉक्टर को कॉल करके ट्रेन पहुंचने से पहले ही बुलवा लिया जाता है। मगर यात्रियों में जागरूकता का अभाव होने के कारण ही कटिहार एक्सप्रेस में दिव्यांग संजीव देश की लाइफ लाइन रेल में सफर करते हुए जीवन के सफर में हार गया।
100 रुपये शुल्क देकर ले सकते हैं ट्रेन में लाभ
यात्री चलती ट्रेन में तबीयत बिगडने की सूरत में डॉक्टर बुलाने के लिए 100 रुपये देकर सुविधा का लाभ ले सकते हैं। पूर्व रेल मंत्री दिवंगत सुरेश प्रभु की तरफ से ट्रेन में सफर के दौरान यात्री की तबियत बिगडने पर उन्हें स्वास्थ लाभ दिलाने के उद्देश्य 20 रुपये में डाक्टरी सेवा लेने की सुविधा शुरू की थी। जिसमें यात्री फोन व ट्विटर के जरिए मैसेज देकर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। ऐसे में कॉल आने पर रेलवे अस्पताल के डाक्टर ओपीडी छोड़ कर ट्रेन पहुंचने से पहले ही स्टेशन पर मरीज का इंतजार करने के लिए खड़े हो जाते थे। मगर छोटी सी परेशानी होने पर तुरंत कॉल पर कॉल करने की बढ़ती शिकायतों के चलते ही रेलवे की तरफ से हाल ही में इस सुविधा की राशि 20 से बढ़ाकर 100 रुपये कर दी गई है। अगर ट्रेन में किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना हो जाने पर बीमा का क्लेम करने के लिए नामिनी को रेलवे अथॉरिटी द्वारा ट्रेन की दुर्घटना की पुष्टि वाली रिपोर्ट सबमिट करानी होती है। इसके साथ ही क्लेम फार्म, मेडिकल रिपोर्ट, डेथ और विकलांगता सर्टिफिकेट, आइडी प्रूफ और एनईएफटी डिटेल्स और कैंसिल चेक इंश्योरेंस कंपनी की देना होगा। सारे कागजात जमा होने के 15 दिन के भीतर क्लेम सेटल हो जाता है।