Home National भाखड़ा डैम के जलस्तर को लेकर पंजाब ,हरियाणा और राजस्थान में विवाद

भाखड़ा डैम के जलस्तर को लेकर पंजाब ,हरियाणा और राजस्थान में विवाद

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जयपुर डेस्क ।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच भाखड़ा डैम के जल स्तर को लेकर इन दिनों फिर ठन गई है। इसमें राजस्थान-हरियाणा एक तरफ और पंजाब दूसरी तरफ है। दरअसल, पंजाब के सिंचाई अभियंता चाहते हैं कि सुरक्षा की दृष्टि से भाखड़ा डैम का जलस्तर घटाया जाए, लेकिन हरियाणा और राजस्थान ने इससे इनकार कर दिया है। दोनों राज्यों ने तर्क दिया है, भाखड़ा का पानी छोड़ने से किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएंगी। पंजाब इस निर्णय के बहाने भाखड़ा डैम का पानी चावल की खेती के लिए खुद भी उपयोग करना चाहता है। इसको लेकर चंडीगढ़ में दो दौर की बातचीत हो चुकी है। दोनों बार राजस्थान-हरियाणा ने पंजाब है, जबकि पिछले साल 1503 फीट ही था। इस बार पिछले वर्ष से 103 फीट ज्यादा पानी है। राजस्थान के अभियंताओं का कहना है कि भाखड़ा डैम का पानी राजस्थान-हरियाणा के किसानों को ज्यादा दिया जाए, ताकि बिजाई हो सके।
राजस्थान के विरोध का कारण
मई के अंत में पंजाब में चावल की बिजाई होगी। राजस्थान में भी कपास, ग्वार और खरीफ की बिजाई होगी। अभी पंजाब के कहने से डैम खाली कर दें और मॉनसून न आया तो राजस्थान और हरियाणा को पानी देने में पंजाब हाथ खड़े कर देगा। होशियारपुर में डैम है, इसलिए पंजाब अपने किसानों को पानी दे देगा लेकिन राजस्थान-हरियाणा के किसान वंचित रहेंगे। जहां तक बात है सुरक्षा की तो डैम ऊपर से अभी 50 फीट खाली है। बारिश के भी पांच प्रतिशत कम होने के आसार हैं। मानसून जुलाई तक आएगा, ऐसे में डैम का पानी घटाने से नुकसान की आशंका है। नॉम्र्स की आड़ में किसानों का नुकसान नहीं किया जा सकता है।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच चल रहे विवाद के बीच भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड इस पूरे मामले पर नजर रखे है। बीबीएमबी डैम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगा, लेकिन बेवजह डैम का पानी छोड़ने के पक्ष में भी नहीं है। इसलिए, अब गेंद बीबीएमबी के पाले में है जिसका 28 मई की मीटिंग में फैसला होगा।
जानें भाखड़ा डैम के बारे में
डैम पंजाब, हिमाचल, हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है। हिमाचल का हिस्सा सिर्फ बिजली उत्पादन के लिए है। राजस्थान का हिस्सा 15.2 प्रतिशत है। डैम पंजाब के होशियारपुर में सतलुज नदी पर स्थित है। राजस्थान के बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिले जल व बिजली के लिए भाखड़ा पर भी आश्रित हैं। इससे पैदा होने वाली बिजली श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू,  झुंझुनूं, सीकर, बीकानेर को दी जाती है।
विवाद जैसी कोई बात नहीं है पर बीबीएमबी के समक्ष पंजाब ने अपनी कुछ मंशा जाहिर की है, जिससे हम सहमत नहीं हैं। क्योंकी मानसून का कुछ पता नहीं। डैम खाली हो जाए और बारिश कम हो तो राजस्थान में सिंचाई के पानी का संकट हो जाएगा ।

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