नागौर ।
रोजेदार अपने नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। रोजा रखना और उसके नियमों को पालन करना एक मुसलमान के लिए बहुत मायने रखता है, लेकिन नागौर में एक मुस्लिम युवक ने किसी की जिंदगी बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया। जिंदगी और मौत के बीच झूल रही एक हिंदू गर्भवती महिला को 22 साल के इस युवक ने ब्लड डोनेट करने के लिए अपना रोजा तोड़ा।
अशरफ खान ने बताया कि वह भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं इसके लिए वह तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया में एक एक मेसेज दिखा जिसमें एक गर्भवती महिला को ब्लड की सख्त जरूरत बताई गई थी। सावित्री देवी नाम की यह महिला अस्पताल में भर्ती थी। उन्हें बी निगेटिव ब्लड की जरूरत थी और उनका हीमोग्लोबिन लगातार कम हो रहा था। सावित्री चूरु जिले के सुजानगढ़ स्थित जिला अस्पताल में भर्ती थी।
अशरफ ने बताया किमैने जैसे ही मेसेज देखा तुरंत फैसला लिया कि मैं महिला को ब्लड डोनेट करूंगा। मैंने मैसेज में लिखे नंबर पर तत्काल संपर्क किया। मैंने उनसे बताया कि मेरा रोजा है इसलिए मैं शाम को रोजा खोलने के बाद ब्लड देने आऊंगा। लेकिन परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने ब्लड की तत्काल आवश्यकता बताई है। सावित्री को कॉम्पलिकेशन बढ़ रहे थे।
अशरफ को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। उसने एक मिनट सोचा और फिर तय किया कि वह महिला को तुरंत ब्लड देने जाएगा इसके लिए चाहे उसे अपना रोजा तोड़ना पड़े। वह अस्पताल पहुंचा और महिला को ब्लड देने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया।