काठमांडू।
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने की होड़ ने वहां ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ा दी, जो लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। नेपाल सरकार ने इस सीजन में रिकॉर्ड 381 परमिट जारी किए हैं। नेपाल सरकार एक परमिट के 11 हजार डॉलर (करीब 7.66 लाख रुपए) वसूलती है। यह सरकार के राजस्व का बड़ा स्त्रोत है। परमिट की शर्त होती है कि व्यक्ति को पूरी तरह से प्रशिक्षित होना चाहिए। लेकिन 381 में आधे से ज्यादा लोग ऐसे हैं, पूरी तरह से प्रशिक्षित भी नहीं है। इन लोगों को सावधानियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। यही उनके लिए जानलेवा साबित होता है।
सोमवार को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने के बाद एक अमेरिकी पर्वतारोही की मौत हो गई। जबकि भारतीय पर्वतारोही अमीशा चैहान की ठंड के कारण हालत नाजुक बनी हुई है। इस सीजन में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
मृतक अमेरिकी पर्वतारोही की पहचान 62 साल के क्रिस्टोफर कुलिश के तौर पर हुई। उनके भाई मार्क कुलिश ने बताया कि क्रिस्टोफर को सावधानियों के बारे में पता नहीं था। उन्होंने 7 लोगों के दल के साथ 8850 मीटर ऊंटी चोटी फतह की थी। लौटते समय सोमवार को कैम्प में उनकी मौत हो गई।
खराब मौसम और ऑक्सीजन की कमी के कारण पिछले दो सप्ताह में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। अब भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए लोगों की लंबी कतार लगी हुई है। शेरपा के मुताबिक, ज्यादातर लोग खुद की लापरवाही के कारण ही जान गंवाते हैं। वे ऑक्जीन का ध्यान नहीं रखते, कुछ तो खतरनाक जगह पर जाकर सेल्फी लेने लगते हैं।