जयपुर ।
राजस्थान से युवा चेहरे और पिछली मोदी सरकार में अपने काम को लेकर चर्चा में रहे राज्यवर्धन सिंह को कैबिनेट में जगह नहीं मिलना चौंकाने वाला रहा। पांच साल तक सक्रियता के कारण वे मोदी rअमित शाह के चहेते माने जाते रहे हैं। उनके मंत्री बनने की प्रबल संभावनाएं थी। माना जा रहा है कि राज्यवर्धन को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मंत्रिमंडल से बाहर रखा है। उनको प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है।
पिछले साल जनवरी में उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद मोदी शाह ने तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी का इस्तीफा लेकर गजेंद्र सिंह का नाम तय कर दिया था। लेकिन विवाद खड़ा होने से गजेंद्र अध्यक्ष नहीं बनाए जा सके। अब गजेंद्र सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाने से इस बात को बल मिल रहा है कि राज्यवर्धन को प्रदेश भाजपा की कमान मिल सकती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट हैं जो युवा चेहरा हैं। उनके मुकाबले में राज्यवर्धन सबसे उपयुक्त चेहरा हो सकते हैं।
राजस्थान से युवा चेहरे और पिछली मोदी सरकार में अपने काम को लेकर चर्चा में रहे राज्यवर्धन सिंह को कैबिनेट में जगह नहीं मिलना चौंकाने वाला रहा। पांच साल तक सक्रियता के कारण वे मोदी rअमित शाह के चहेते माने जाते रहे हैं। उनके मंत्री बनने की प्रबल संभावनाएं थी। माना जा रहा है कि राज्यवर्धन को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मंत्रिमंडल से बाहर रखा है। उनको प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है।
पिछले साल जनवरी में उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद मोदी शाह ने तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी का इस्तीफा लेकर गजेंद्र सिंह का नाम तय कर दिया था। लेकिन विवाद खड़ा होने से गजेंद्र अध्यक्ष नहीं बनाए जा सके। अब गजेंद्र सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाने से इस बात को बल मिल रहा है कि राज्यवर्धन को प्रदेश भाजपा की कमान मिल सकती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट हैं जो युवा चेहरा हैं। उनके मुकाबले में राज्यवर्धन सबसे उपयुक्त चेहरा हो सकते हैं।