नई दिल्ली।
पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद केंद्र सरकार ने 40 से ज्यादा सुखोई लड़ाकू विमानों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल से लैस करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का फैसला किया है। इस रणनीतिक योजना का मकसद भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमताओं को मजबूत करना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड को इस परियोजना को जल्द पूरा करने को कहा गया है ताकि दिसंबर 2020 की निर्धारित समयसीमा से पहले इसे पूरा किया जा सके।
दरअसल, सरकार ने 2016 में विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को 40 से ज्यादा सुखोई विमानों में तैनात करने का फैसला किया था। हालांकि यह परियोजना पर असली काम 2017 के अंत में शुरू हो सका था, तब से इसका कार्यान्वयन बहुत धीमी गति से हुआ है। अधिकारी के मुताबिक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद वायुसेना को मजबूत करने की समीक्षा की गई।
यह पाया गया कि परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। राफेल विमानों के बेड़े में शामिल होने, एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम और सुखोई को ब्रह्मोस से लैस करने पर पाकिस्तानी वायुसेना के मुकाबले हमारी वायुसेना को काफी ताकत मिलेगी।