जयपुर।
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन किडनी, कैंसर और अस्थमा के उपचार में काम आने वाली 104 तरह की महंगी दवाइयों को में शामिल किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निशुल्क दवा योजना की समीक्षा की थी। समीक्षा के बाद उन्होंने निशुल्क दवा योजना का दायरा बढाने की बात की थी। लेकिन लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने से यह कवायद रुक गई। अब राजस्थान मेडिकल कॉर्पोरेशन के अफसरों ने योजना की सूची में दवाओं की संख्या को बढाने की कवायद तेज कर दी है।
कॉर्पोरेशन के अफसरों का कहना है निशुल्क दवा योजना के तहत अभी सरकारी अस्पतालों में 600 तरह की दवाएं निशुल्क दी जा रही हैं और इनकी खरीद पर सालाना 300 करोड रुपए से ज्यादा का बजट खर्च हो रहा है। नई जुडने वाली 104 दवाओं पर सालाना 125 करोड रुपए का सालाना खर्च होने का अनुमान है।