जयपुर : जिंदगी पर रफ्तार पड़ रही है भारी। लोग नषे में यह नहीं सोचते हैं कि उनकी एक छोटी सी गलती किसी के जीवन और परिवार को हमेशा के लिए अकेला कर देगी। राजस्थान की राजधानी जयपुर में पिछले दिनों कुछ ऐसा ही घटित हुआ था जब एक गाड़ी वाले का अपनी गाड़ी पर काबू नहीं हुआ और उसने स्टाॅप लाइन पर खड़े वाहनों को टक्कर मार दी। इस टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दो सगे भाई थे जिसमें एक के चार साल का बेटा था तो एक की छह महीने पहले ही शादी हुई थी।
टक्कर लगाने वाले को कानून कुछ महीने कुछ साल की सजा दे देगा लेकिन जिस मां-बाप ने इस दुर्घटना में अपने दोनों जवान बेटे खो दिए हो और एक विवाहिता और एक नवविवाहित ने अपने सुहाग को खो दिया हो उनसे पूछो कि अपनों को खोने का दर्द क्या होता है। इस घटना के कुछ दिन बाद अपने घर से सुबह भगवान गोविन्द के दर्षन करने जा रहे एक व्यक्ति को 15 दिन पहले ही खरीदी ओडी में सवार एक व्यक्ति ने शराब के नषे में रौंद दिया। सरकार शराब और रफ्तार पर रोक लगाने की बहुत कोषिष करती है। कानून भी बनाए है, लेकिन लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी सोचनी चाहिए जिस इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।