बिहार में शौचालय टैंक साफ करते समय चार मजदूरों की मौत हो गई. मामला सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र का है जहां चार मजूदर निर्माणाधीन शौचालय टैंक में उतरे थे. इसी दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से यह हादसा हुआ. एक अन्य मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है. त्रिवेणीगंज के पुलिस उपाधीक्षक जितेंद्र कुमार के मुताबिक मृतकों की पहचान विश्वबंधु मंडल, राजेश मंडल, उपेन्द्र मंडल और संतोष मंडल के रूप में की गई है.
सेप्टिक टैंकों में दम घुटने से मजूदरों की मौत का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले 12 जून को पूर्णिया शहर के रामबाग स्थित एक निर्माणाधीन मॉल के शौचालय की टंकी में दम घुटने से तीन मजदूरों की मौत हो गयी थी. इनमें से दो मृतक सगे भाई थे. वहीं पिछले साल 24 सितंबर को सीतामढ़ी जिले के सहियारा थाने के छोटी बेलाही गांव में इसी तरह के एक अन्य हादसे में दम घुटने से 4 युवकों की मौत हो गई थी.
इसी जून में छत्तीसगढ़ के मद्देड़ थाना क्षेत्र में सेप्टिक टैंक से जहरीली गैस के रिसाव के चलते एक ही परिवार को चार लोगों की मौत की खबर आई थी. वहीं 30 मई को आगरा में हुए ऐसे ही एक हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई और आठ लोग बीमार पड़ गए थे. इनके अलावा दिल्ली सरकार ने भी अप्रेल में विधानसबा में बताया था कि पिछले साल सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान महानगर में 12 लोगों की मौत हुई थी.