दा एंगल।
नई दिल्ली।
‘कश्मीर घाटी में लंबे समय तक स्थिति के बिगड़ने की आशंका और कानून व्यवस्था के संबंध में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और एसएसपी/जीआरपी/ एसआईएनए (श्रीनगर के सरकारी रेलवे पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) से मिली जानकारी के अनुरूप 27 जुलाई को एहतियात सुरक्षा बैठक हुई।’ एक चिट्टी में आरपीएफ अधिकारी सुदेश नुग्याल ने लिखी ये बात। जिसके बाद इस पर विवाद खड़ा हो गया है।
अधिकारी ने इस चिट्ठी में आने वाले दिनों में कश्मीर में तनाव और हिंसा की आशंका जाहिर करते हुए कर्मचारियों को आगाह किया है। आरपीएफ बडगाम के सहायक सुरक्षा आयुक्त सुदेश नुग्याल ने चिट्ठी लिखकर कर्मचारियों से ‘लंबे समय तक’ कश्मीर घाटी में ‘कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका’ के कारण राशन जमा करने को कहा। इस चिट्ठी के बाद विभाग में खलबली मच गई। जिसके बाद रेलवे को सफाई देना पड़ा। रेलवे ने शनिवार को स्पष्ट किया कि इस चिट्ठी का कोई आधार नहीं। साथ ही इसे जारी करने का संबंधित अधिकारी के पास कोई अधिकार नहीं है।
It’s easy to blame valley residents for fear mongering but what are we to make of such official orders which forecast a deterioration in the law & order environment and even predict disturbances lasting for an extended period of time? Why is the Govt silent? https://t.co/U0tqLmyC47 pic.twitter.com/mCols57d2E
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 28, 2019
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों पर यह तोहमत लगाना आसान है कि वह डर फैला रहे हैं लेकिन ऐसे आधिकारिक आदेश का क्या करें जिसमें कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बिगड़ने की बिना पर तैयारियों की बात की जा रही है और इस तरीके की भविष्यवाणी की जा रही है।